मत-विभाजन की माँग करने के बावजूद ध्वनि-मत से कृषि विधेयकों के पारित होने से गुस्साए विपक्षी दलों ने थक-हार कर अंतिम उपाय अपनाया है। हालांकि वे भी अच्छी तरह जानते हैं कि उनकी मांग नहीं मानी जाएगी, पर वे अंतिम कोशिश शायद इस रणनीति से कर रहे हैं कि वे यह कह सकेंगे कि उन्होंने भरपूर कोशिश की।
18 विपक्षी दलों ने राष्ट्रपति को चिट्ठी लिखकर कहा- कृषि विधेयकों पर दस्तख़त न करें
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- 22 Sep, 2020
18 विपक्षी दलों ने सोमवार की शाम राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को एक चिट्ठी लिख कर उनसे गुजारिश की कि वह इन विधेयकों पर दस्तख़त न करें। कोविंद की राजनीतिक पृष्ठभूमि को देखते हुए यह अनुमान लगाना कठिन नहीं है कि वह इस मांग को ठुकरा देंगे।
