दो महीने पहले जिस शंघाई सहयोग संगठन यानी एससीओ के विदेश मंत्रियों की बैठक में पहलगाम हमले के मुद्दे पर भारत ने खुद को अलग कर लिया था, सोमवार को उसके घोषणापत्र में पहलगाम हमले की कड़ी निंदा की गई। एससीओ के सदस्य देशों ने एक सुर में कहा कि इस तरह के आतंकी हमलों के अपराधियों, आयोजकों और प्रायोजकों को न्याय के कटघरे में लाया जाना चाहिए। यह घोषणा भारत के लिए एक बड़ी कूटनीतिक जीत मानी जा रही है। यह घोषणा तब की गई जब पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ इस शिखर सम्मेलन में मौजूद थे।
SCO घोषणा में पहलगाम हमले की कड़ी निंदा- 'हमलावर, स्पॉन्सर पर कार्रवाई हो'
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- 1 Sep, 2025
शंघाई सहयोग संगठन की घोषणा में पहलगाम आतंकी हमले की कड़ी निंदा की गई। क्या यह भारत के लिए बड़ी कूटनीतिक जीत है? जानिए, घोषणापत्र में क्या कहा गया है।

SCO घोषणा में पहलगाम हमले की कड़ी निंदा- 'हमलावर, स्पॉन्सर पर कार्रवाई हो'
चीन के तियानजिन में आयोजित एससीओ शिखर सम्मेलन में भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग, रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ सहित कई वैश्विक नेता शामिल हुए। इस सम्मेलन में तियानजिन घोषणापत्र को अपनाया गया। इसमें आतंकवाद, अलगाववाद और उग्रवाद के ख़िलाफ़ एकजुटता दिखाई गई। घोषणापत्र में कहा गया, 'सदस्य देशों ने 22 अप्रैल 2025 को पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले की कड़ी निंदा की। वे मृतकों और घायलों के परिवारों के प्रति अपनी गहरी संवेदना व्यक्त करते हैं। उन्होंने आगे कहा कि ऐसे हमलों के अपराधियों, आयोजकों और प्रायोजकों को न्याय के दायरे में लाया जाना चाहिए।'