कश्मीर के पहलगाम में आतंकी हमले को लेकर संसद का विशेष सत्र बुलाने का दबाव विपक्ष ने बढ़ा दिया है। नेता विपक्ष राहुल गांधी ने भी मंगलवार 29 अप्रैल को इस संबंध में प्रधानमंत्री मोदी को पत्र लिखकर आग्रह किया है। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने इसी तरह का पत्र 28 अप्रैल को पीएम को लिखा था। इससे पहले राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीआई) संसद का विशेष सत्र बुलाने की मांग कर चुके हैं।

लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने मंगलवार को पीएम मोदी को पत्र लिखकर कहा कि "विपक्ष का मानना है कि संसद के दोनों सदनों का एक विशेष सत्र बुलाया जाना चाहिए, जहां जनप्रतिनिधि अपनी एकता और दृढ़ संकल्प दिखा सकें।"

राहुल गांधी ने लिखा, "पहलगाम में आतंकी हमले ने हर भारतीय को आहत किया है। इस संकट के समय, भारत को यह दिखाना चाहिए कि हम आतंकवाद के खिलाफ हमेशा एकजुट रहेंगे... हम अनुरोध करते हैं कि ऐसा विशेष सत्र जल्द से जल्द बुलाया जाए।"

राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने सोमवार को लिखे अपने पत्र में कहा कि यह सत्र "22 अप्रैल, 2025 को पहलगाम में निर्दोष नागरिकों पर हुए क्रूर आतंकी हमले से निपटने के हमारे सामूहिक संकल्प और इच्छाशक्ति का एक सशक्त प्रदर्शन होगा।"

खड़गे ने कहा, "इस समय, जब एकता आवश्यक है, विपक्ष का मानना है कि संसद के दोनों सदनों का विशेष सत्र जल्द से जल्द बुलाया जाना चाहिए... हमें यही आशा है कि आप सत्र बुलाने के लिए निर्देश देंगे।"

विपक्षी दलों आरजेडी और सीपीआई ने सोमवार को सरकार से हमले और "इसके व्यापक प्रभावों" पर चर्चा करने के लिए संसद का विशेष सत्र बुलाने का आग्रह किया था। आरजेडी के राज्यसभा सदस्य मनोज कुमार झा ने पत्र में पीएम मोदी से चुने हुए प्रतिनिधियों के साथ खुले संवाद के लिए आग्रह किया ताकि एक "सशक्त संदेश" दिया जा सके।

झा ने लिखा कि हमले के अलावा, सत्र में "भारत के लोगों की सुरक्षा, कल्याण और आकांक्षाओं पर व्यापक प्रभाव" पर भी चर्चा होनी चाहिए। वहीं, सीपीआई के राज्यसभा सदस्य पी. संदोष कुमार ने संसदीय कार्य मंत्री किरण रिजिजू को पत्र लिखा।

ये पत्र उसके कुछ दिनों बाद आए हैं जब पीएम मोदी ने गुरुवार को हमले का बदला लेने का वादा करते हुए कहा था: "भारत हर आतंकी और उसके समर्थकों की पहचान करेगा, उनका पता लगाएगा और सजा देगा" और "उन्हें धरती के छोर तक खदेड़ेगा।"

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में गुरुवार को हुई सर्वदलीय बैठक में, राहुल गांधी, खड़गे, तृणमूल कांग्रेस के सुदीप बंद्योपाध्याय और आम आदमी पार्टी के संजय सिंह सहित कई विपक्षी नेताओं ने सरकार से सवाल किया था। विपक्ष ने सुरक्षा और खुफिया तंत्र की "चूक" को इस घटना के लिए जिम्मेदार ठहराया था।

सूत्रों ने बताया कि केंद्र ने बैठक के दौरान इन चूकों को स्वीकार किया। बैठक में सरकार के एक शीर्ष नेता के हवाले से कहा गया, "अगर कुछ भी गलत नहीं हुआ होता, तो हम यहां क्यों बैठे होते? कहीं न कहीं चूक हुई है, जिसे हमें पता लगाना है और भविष्य के लिए इसे ठीक करना है।" लेकिन सरकार ने यही बात बयान देकर नहीं कही। इसके बाद विपक्ष ने इसे मुद्दा बनाया कि पीएम मोदी सर्वदलीय बैठक में क्यों नहीं आए।