एशियन डेवलपमेंट बैंक यानी एडीबी द्वारा पाकिस्तान को 6,861 करोड़ रुपये की आर्थिक सहायता देने की घोषणा ने भारत में एक नया राजनीतिक विवाद खड़ा कर दिया है। खासकर, यह तब हुआ जब यह घोषणा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की एडीबी अध्यक्ष मासात्सुगु असकावा से 1 जून को हुई मुलाक़ात के महज तीन दिन बाद आई। इसी बीच ख़बर आई है कि पाकिस्तान को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की आतंकवाद-रोधी समिति का उपाध्यक्ष बनाया गया। यह सब तब हो रहा है जब भारतीय सांसदों के प्रतिनिधिमंडल दुनिया भर के देशों की राजधानियों का दौरा कर लौटे हैं। ये प्रतिनिधिमंडल पाकिस्तान के आतंकवाद समर्थन को बेनकाब करने निकला था।
ये कैसी रणनीति? पाक अलग-थलग तो हुआ नहीं, ADB से 6800 करोड़ की मदद मिल गई
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- 4 Jun, 2025
भारत की पाकिस्तान को अलग-थलग करने की रणनीति पर सवाल उठ रहे हैं, क्योंकि एशियाई विकास बैंक ने पाकिस्तान को आर्थिक मदद दी है। क्या भारत की विदेश नीति विफल हो रही है?

इन ताज़ा घटनाक्रमों ने विपक्षी दलों को सरकार की विदेश नीति पर सवाल उठाने का मौक़ा दे दिया है। कांग्रेस ने इसे 'विश्वगुरु की डफली' का पर्दाफाश बताते हुए दावा किया कि मोदी सरकार की कूटनीति कमजोर साबित हुई है, क्योंकि इससे पहले भी अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष ने पाकिस्तान को कर्ज दिया था और जिसे रोकने में भारत असफल रहा।