कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने रिपब्लिक टीवी के प्रधान संपादक अर्णब गोस्वामी के खिलाफ मानहानि का मुकदमा दायर किया है। यह मामला गोस्वामी द्वारा एक लाइव प्रसारण के दौरान दिए गए कथित बयान से जुड़ा है, जिसमें उन्होंने कांग्रेस पार्टी पर "राष्ट्र के दुश्मन" का साथ देने का आरोप लगाया था। यह बयान ऑपरेशन सिंदूर के दौरान कथित तौर पर दिया गया, जब भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव चरम पर था।

जस्टिस पुरुषेंद्र कुमार कौरव ने सोमवार 7 जुलाई को इस मामले की संक्षिप्त सुनवाई की। खेड़ा ने अपने मुकदमे में दावा किया कि गोस्वामी ने अपने चैनल पर प्रसारण के दौरान कहा था, "फिलहाल यह पार्टी राष्ट्र के दुश्मन के साथ है। अगर आप कांग्रेस के वोटर हैं, तो क्या आप भी राष्ट्र के दुश्मन हैं?" खेड़ा का कहना है कि यह बयान उनकी और उनकी पार्टी की छवि को धूमिल करने वाला है।

याचिका संशोधित करने का निर्देश

हालांकि, कोर्ट ने यह स्पष्ट किया कि खेड़ा ने यह मुकदमा अपनी व्यक्तिगत क्षमता में दायर किया है, जबकि कथित बयान राजनीतिक दल के खिलाफ था। इस आधार पर, कोर्ट ने खेड़ा को अपनी याचिका में संशोधन करने का निर्देश दिया। खेड़ा के वकील ने कहा कि वे याचिका में संशोधन करेंगे और पक्षकारों का एक संशोधित मेमो भी दाखिल करेंगे।

दूसरी ओर, अर्णब गोस्वामी की ओर से वरिष्ठ वकील महेश जेठमलानी ने कोर्ट में पेश होकर कहा कि उन्हें मुकदमे की प्रति अभी तक नहीं दी गई है। इस पर जस्टिस कौरव ने जवाब दिया, "हमने आपको अभी तक समन जारी नहीं किया है। समन जारी होने के बाद हम आपकी बात सुनेंगे।" कोर्ट ने यह भी कहा कि खेड़ा द्वारा संशोधित याचिका दाखिल करने के बाद अगली सुनवाई की तारीख दी जाएगी।

अर्णब गोस्वामी के पिछले विवाद 

अर्णब गोस्वामी का विवादों से पुराना नाता रहा है। टीवी पत्रकारिता में उनकी शख्सियत चीखने चिल्लाने वाले टीवी पत्रकार की बन गई है। वे पहले भी कई बार अपनी आपत्तिजनक टिप्पणियों और पत्रकारिता शैली के कारण सुर्खियों में रहे हैं। 2020 में, महाराष्ट्र सरकार ने गोस्वामी के खिलाफ कई मामले दर्ज किए थे, जिनमें आत्महत्या के लिए उकसाने और अवैध गतिविधियों से संबंधित आरोप शामिल थे। इसके अलावा, उनके कुछ प्रसारणों पर पक्षपात और भड़काऊ सामग्री के आरोप भी लगे हैं। गोस्वामी की पत्रकारिता को लेकर कुछ लोग उनकी आलोचना करते हैं, जबकि उनके समर्थक उन्हें बेबाक और निष्पक्ष पत्रकार मानते हैं।

यह मामला एक बार फिर गोस्वामी और उनके चैनल की कार्यशैली को लेकर बहस को हवा दे सकता है। अगली सुनवाई में कोर्ट के रुख और खेड़ा की संशोधित याचिका पर सभी की नजरें रहेंगी।