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पीएम मोदी के जन्मदिन पर ट्रेंड हुआ राष्ट्रीय बेरोज़गारी दिवस, बीजेपी परेशान

आज 17 सितंबर है और आज बीजेपी के कार्यकर्ता हमारे देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का जन्मदिन बड़े जोर-शोर से मना रहे थे। वे ख़ुश थे और नाच-गा रहे थे लेकिन उनकी इन ख़ुशियों को ग्रहण लगा दिया है बेरोज़गारों और विपक्षी दलों ने। 

केंद्र सरकार से रोज़गार की मांग कर रहे युवाओं ने मोदी जी के जन्मदिन पर उन्हें क्या करना है, इसकी पहले से ही सारी तैयारी कर रखी थी। बेरोज़गारों को विपक्षी दलों का भी साथ मिला और ट्विटर से लेकर सड़क तक इन लोगों ने बीजेपी वालों के मुंह के मीठे स्वाद को कसैला कर दिया। 

17 तारीख़ को दिन भर बेरोज़गार और विपक्षी राजनीतिक दलों के लोग रोज़गार की मांग को लेकर ट्वीट करते रहे और वीडियो भी जारी करते रहे और शाम 5 बजे इन्होंने 17 मिनट तक दीये और मोमबत्ती जलाकर सरकार तक अपनी आवाज़ भी पहुंचाई और ग़ुस्से का भी इजहार किया। 

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बेरोज़गारों और युवा कांग्रेस ने मिलकर ट्विटर पर #National_Unemployment_Day, #राष्ट्रीय_बेरोजगारी_दिवस, #17Baje17Minute ट्रेंड कराया और इन पर लाखों ट्वीट किए। दिल्ली, उत्तर प्रदेश में कई जगहों पर बेरोज़गारों को पुलिस के गुस्से का शिकार भी होना पड़ा। 

इस मौक़े पर युवाओं ने केंद्र सरकार से रोज़गार देने की मांग की। रोज़गार के अलावा उन्होंने रुकी हुई भर्तियों को चालू करने, परीक्षाओं की तिथियों को घोषित करने एवं नई नौकरियों का नोटिफिकेशन जारी करने की भी मांग की। 

Pm Modi birthday celebrated as Unemployment day  - Satya Hindi
Pm Modi birthday celebrated as Unemployment day  - Satya Hindi
सोशल मीडिया पर ये हैशटैग ट्रेंड तो करते ही रहे, उन्होंने धूम मचा दी। रात के 9 बजे तक #17Baje17Minute को 9.60 लाख लोगों ने रिट्वीट किया था। इसके साथ ही #National_Unemployment_Day को 10 लाख 25 हज़ार लोगों ने ट्वीट किया। लेकिन इसके समानान्तर चलाए जा रहे #RespectYour PM को सिर्फ 51.3 हज़ार लोगों ने ट्वीट किया। इसी तरह #राष्ट्रीय रोज़गार दिवस को महज 49 हज़ार लोगों ने ट्वीट किया। 
Pm Modi birthday celebrated as Unemployment day  - Satya Hindi

बीजेपी आईटी सेल परेशान

बेरोज़गारों और विपक्ष की इस मिली-जुली ताक़त का अंदाजा शायद सरकार को नहीं था। बीजेपी और उससे जुड़े संगठन भी इनके द्वारा अपने हैशटैग को दिन भर टॉप ट्रेंडिंग में रखने के कारण सकते में आ गए। इसलिए इन लोगों ने झुंझलाते हुए अपने कारकूनों से #RespectYourPM और #काँग्रेस_बेरोजगार_है ट्रेंड कराने को कहा। लेकिन जिस स्पीड से ट्वीट बेरोज़गारों वाले हैशटैग पर हुए हैं, उससे सत्ता समर्थक न्यूज़ चैनलों और बीजेपी आईटी सेल के पसीने छूट चुके हैं। 

Pm Modi birthday celebrated as Unemployment day  - Satya Hindi
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उसी हथियार से दिया जवाब

बेरोज़गारों ने इससे पहले इसी महीने की 5 और 9 सितंबर की तारीख़ को अपने इरादों का एहसास करा दिया था। दोनों ही दिन बेरोज़गारों ने रात को 9 बजकर 9 मिनट पर अपने-अपने घरों की बत्ती बुझाई और फिर दीये, टॉर्च वगैरह जलाए। यह तरीक़ा पीएम मोदी का ही था, इसलिए बेरोज़गारों ने उन्हें उन्हीं के हथियार से जवाब दिया था। इसके बाद से ही बेरोज़गारों और विपक्षी दलों की ओर से घोषणा की गई थी कि वे 17 सितंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्मदिन पर ऐसा ही प्रदर्शन करेंगे। 

इससे पहले JEE-NEET के परीक्षार्थियों ने परीक्षा रद्द करने की गुहार लगाई लेकिन सरकार ने एक नहीं सुनी। इसलिए उन्होंने प्रधानमंत्री के ‘मन की बात’ कार्यक्रम को बीजेपी के यू ट्यूब चैनल पर ख़ूब डिसलाइक किया।

इसके अलावा भी बीजेपी के यू ट्यूब चैनल पर प्रधानमंत्री के कई अन्य वीडियो को भी डिसलाइक किया गया। इससे बीजेपी की सोशल मीडिया टीम हैरान है। 

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बेतहाशा नौकरियां चली गईं 

सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकॉनमी यानी सीएमआईई के ताज़ा आंकड़े बताते हैं कि कोरोना काल में बेतहाशा नौकरियां गई हैं। सिर्फ़ जुलाई में 48 लाख और अगस्त में 33 लाख लोगों की नौकरी छिन गयी। इसके अलावा देश में 12 करोड़ 10 लाख दैनिक मज़दूरों में से 9 करोड़ 10 लाख ने अपनी नौकरी खो दी। हालांकि अगस्त महीने में कुछ हद तक लोग काम पर लौटे हैं। लेकिन फिर भी हालात बेहद गंभीर हैं। 

बेरोज़गारों के 5 सितंबर के आंदोलन पर देखिए, वरिष्ठ पत्रकार शीतल पी. सिंह का वीडियो- 

क्या करे सरकार 

मोदी सरकार बेरोज़गारी के मुद्दे पर बुरी तरह घिर चुकी है। लॉकडाउन के बाद बड़ी संख्या में लोगों का रोज़गार छिना है। काम-धंधे रफ़्तार नहीं पकड़ सके हैं, अर्थव्यवस्था गर्त में जा चुकी है, नौकरियों से लोगों को निकाला जा रहा है, ऐसे में बेरोज़गार युवाओं के सामने आजीविका का संकट खड़ा हो गया है और छह महीने तक सब्र करने के बाद भी जब उन्हें रोज़गार नहीं मिल रहा है तो वे अपनी आवाज़ उठाएंगे ही। 

बेरोज़गारों व युवाओं का ग़ुस्सा अनायास नहीं है। लॉकडाउन के कारण बड़ी संख्या में छोटे-बड़े रोज़गार ख़त्म हो चुके हैं। शहरों से घर लौटे युवा पूछ रहे हैं कि सरकार अब तो छह महीने हो गए, उनके रोज़गार का क्या हुआ। लेकिन न तो केंद्र और न ही राज्य सरकारों के पास इसका कोई जवाब है।

चेत जाए सरकार 

लेकिन केंद्र और राज्यों की सरकारों को इस मसले को बिलकुल भी हलके में नहीं लेना चाहिए। वे चाहते हैं कि सरकार उनकी बातों को सुने और उन्हें रोज़गार दे। बेरोज़गारों के सब्र का बांध टूटता दिख रहा है और यह मोदी सरकार के लिए चेत जाने का वक़्त है, वरना बेरोज़गार देश में कोई व्यापक आंदोलन खड़ा कर सरकार के लिए मुश्किल पैदा कर सकते हैं। 

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क़मर वहीद नक़वी
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