'मन की बात' कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पहलगाम आतंकी हमले पर कड़ा रुख अपनाया और हमले के षड्यंत्रकारियों को कड़ा जवाब दिया। जानिए प्रधानमंत्री का पूरा संदेश और आगे की रणनीति।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने हर महीने होने वाले रेडियो कार्यक्रम 'मन की बात' में भी पहलगाम के हमलावरों के ख़िलाफ़ कड़ी कार्रवाई का आश्वासन दिया है। उन्होंने 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले की कड़े शब्दों में निंदा की। उन्होंने देशवासियों को आश्वासन दिया कि इस हमले के पीछे के षड्यंत्रकारियों और अपराधियों को सबसे सख्त जवाब दिया जाएगा। पीएम ने कहा, 'न्याय मिलेगा, न्याय मिलकर ही रहेगा। इस हमले के षड्यंत्रकारियों और अपराधियों को सबसे कठोर सजा दी जाएगी।'
पहलगाम के बैसरन घाटी में हुए इस आतंकी हमले में 26 लोगों की जान गई थी, जिनमें 25 भारतीय और एक नेपाली नागरिक शामिल थे। यह हमला 2019 के पुलवामा हमले के बाद कश्मीर घाटी में सबसे घातक हमलों में से एक है, जिसमें 40 सीआरपीएफ़ जवान शहीद हुए थे। पहलगाम हमले के बाद से लगातार भारत ने कहा है कि हमले के षड्यंत्र करने वालों को छोड़ा नहीं जाएगा।
इस बीच, पीएम मोदी ने अपने मन की बात के 121वें संस्करण में कहा, 'मेरे दिल में गहरा दुख है। 22 अप्रैल को पहलगाम में हुआ आतंकी हमला हर नागरिक के लिए दुखदायी है। प्रत्येक भारतीय पीड़ितों के परिवारों के प्रति गहरी संवेदना महसूस करता है।' उन्होंने इस हमले को आतंकवाद के समर्थकों की हताशा और कायरता का प्रतीक बताया। पीएम ने कहा, 'जब कश्मीर में शांति लौट रही थी, स्कूल-कॉलेजों में उत्साह था, पर्यटन रिकॉर्ड स्तर पर बढ़ रहा था और युवाओं के लिए नए अवसर पैदा हो रहे थे तब देश और जम्मू-कश्मीर के दुश्मनों को यह पसंद नहीं आया। आतंकवादी और उनके आका फिर से कश्मीर को बर्बाद करना चाहते हैं।'
प्रधानमंत्री ने देश की एकता को आतंकवाद के ख़िलाफ़ सबसे बड़ी ताक़त बताया। उन्होंने कहा, '140 करोड़ भारतीयों की एकता और संकल्प इस युद्ध में हमारी सबसे बड़ी शक्ति है। हमें इस चुनौती का सामना करने के लिए अपने संकल्प को और मज़बूत करना होगा।'
पीएम मोदी ने बताया कि इस हमले के बाद विश्व भर से संवेदनाएं और समर्थन प्राप्त हुआ है। उन्होंने कहा, 'वैश्विक नेताओं ने मुझे फ़ोन किए, पत्र लिखे और संदेश भेजे। सभी ने इस जघन्य आतंकी हमले की कड़ी निंदा की है।' इस हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान के साथ 1960 में हस्ताक्षरित सिंधु जल संधि को निलंबित कर दिया, जिसे पाकिस्तान ने 'युद्ध की कार्रवाई' क़रार दिया। इसके अलावा, भारत ने पाकिस्तानी नागरिकों के लिए सभी श्रेणियों के वीजा रद्द कर दिए और दोनों देशों में राजनयिक उपस्थिति को कम कर दिया।
पीएम ने कहा,
पहलगाम में हुआ ये हमला, आतंक के सरपरस्तों की हताशा को दिखाता है, उनकी कायरता को दिखाता है। ऐसे समय में जब कश्मीर में शांति लौट रही थी, स्कूल-कॉलेजों में एक वाइब्रेंसी थी, ...लोकतंत्र मज़बूत हो रहा था, पर्यटकों की संख्या में रिकॉर्ड बढ़ोतरी हो रही थी, लोगों की कमाई बढ़ रही थी, युवाओं के लिए नए अवसर तैयार हो रहे थे। देश के दुश्मनों को, जम्मू-कश्मीर के दुश्मनों को ये रास नहीं आया।
पहलगाम हमले की जिम्मेदारी शुरुआत में द रेसिस्टेंस फ्रंट यानी टीआरएफ़ ने ली थी, जो पाकिस्तान आधारित लश्कर-ए-तैयबा का एक सहयोगी समूह है। जम्मू-कश्मीर पुलिस ने हमले में शामिल तीन संदिग्धों के स्केच जारी किए, जिनमें दो पाकिस्तानी नागरिक और एक स्थानीय व्यक्ति शामिल हैं। इनकी गिरफ्तारी के लिए 20 लाख रुपये के इनाम की घोषणा की गई है।
पीएम मोदी ने बिहार के मधुबनी में 24 अप्रैल को एक जनसभा को संबोधित करते हुए भी इस हमले की निंदा की थी। उन्होंने कहा था, 'बिहार की धरती से मैं पूरी दुनिया को कहता हूं कि भारत हर आतंकवादी और उनके समर्थकों को ढूंढेगा, उनका पीछा करेगा और उन्हें सजा देगा। हम उन्हें दुनिया के कोने-कोने में खोजेंगे।'
हमले के बाद जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा व्यवस्था को और सख़्त कर दिया गया है। श्रीनगर पुलिस ने शहर भर में आतंकी सहयोगियों और ओवर ग्राउंड वर्कर्स के ख़िलाफ़ व्यापक तलाशी अभियान शुरू किया है। केंद्र सरकार ने पीड़ितों के लिए हर संभव सहायता का आश्वासन दिया है। असम सरकार ने प्रत्येक पीड़ित परिवार को 5 लाख रुपये की सहायता देने की घोषणा की है, जबकि स्थानीय कश्मीरी समुदाय ने पर्यटकों को नैतिक और भौतिक समर्थन प्रदान किया है।
पहलगाम हमला न केवल कश्मीर की शांति के लिए ख़तरा है, बल्कि यह भारत की एकता और संकल्प की परीक्षा भी है। पीएम मोदी का 'मन की बात' में दिया गया संदेश साफ़ है: आतंकवाद को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और भारत अपने नागरिकों की सुरक्षा और न्याय सुनिश्चित करने के लिए हर संभव क़दम उठाएगा। इस हमले ने भारत-पाकिस्तान संबंधों में तनाव को और बढ़ा दिया है और आने वाले दिन आतंकवाद के ख़िलाफ़ भारत की रणनीति को और परिभाषित करेंगे।