प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) ने दिल्ली उच्च हाईकोर्ट को बताया है कि पीएम केयर फंड भारत के संविधान के अनुच्छेद 12 के तहत सरकार के अधीन नहीं है। इसलिए इसे सूचना के अधिकार अधिनियम, 2005 के तहत सार्वजनिक प्राधिकरण नहीं माना जा सकता है।