पर्यावरण और प्राकृतिक संसाधनों के दोहन, या पर्यावरण संकट के प्रति बीजेपी सरकार का रवैया कैसा है? इस सवाल का जवाब सरकार के पर्यावरणीय प्रभाव आकलन के मसौदे में मिल सकता है। इसी मसौदे पर राहुल गाँधी ने सरकार की तीखी आलोचना की है। उन्होंने तो इसे 'ख़ौफ़नाक उदाहरण' तक बता दिया और  'देश की लूट', 'सूट-बूट के मित्रों' जैसे शब्दों का प्रयोग किया। दरअसल, इस मसौदे को राहुल पर्यावरण संरक्षण के लिए ख़तरनाक और अपमानजनक मानते हैं और उनका कहना है कि इससे देश के संसाधनों की लूट होगी।