सात्यकी ने कहा- सावरकर ने ऐसी कोई किताब नहीं लिखी, जैसा कि कांग्रेस नेता ने दावा किया है, न ही ऐसी कोई घटना कभी हुई है।अपनी दलील में, सात्यकी ने कहा है, आरोपी, जिन कारणों से उन्हें सबसे अच्छी तरह से पता है, वे कई वर्षों से स्वर्गीय विनायक दामोदर सावरकर को बार-बार बदनाम कर रहे हैं और गाली दे रहे हैं ... उन्होंने जानबूझकर विनायक दामोदर सावरकर के खिलाफ झूठे, दुर्भावनापूर्ण और घटिया आरोप लगाए हैं। उक्त आरोपों को पूरी तरह से असत्य जानते हुए भी सावरकर की प्रतिष्ठा को ठेस पहुँचाने और उपनाम को बदनाम करने के विशिष्ट उद्देश्य से… आरोपी ने जानबूझकर इन शब्दों और वाक्यों को बोला है जो उनके परिवार के सदस्यों और निकट संबंधियों, दिवंगत सावरकर के अनुयायियों की भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाले थे और दो धर्मों के बीच सांप्रदायिक तनाव को भी भड़काते हैं।