loader

राजीव गांधी हत्याकांड: दोषियों की रिहाई को चुनौती देगी कांग्रेस

कांग्रेस ने कहा है कि वह पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या के दोषियों की रिहाई के सुप्रीम कोर्ट के फैसले को चुनौती देने के लिए पुनर्विचार याचिका दायर करेगी। बताना होगा कि केंद्र सरकार ने भी शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में इस मामले में पुनर्विचार याचिका दायर की है। 

केंद्र सरकार ने कहा था कि पर्याप्त सुनवाई के बिना ही दोषियों की रिहाई को मंजूरी दे दी गई और इस वजह से प्राकृतिक न्याय के सिद्धांत का स्पष्ट रूप से उल्लंघन हुआ है।

सुप्रीम कोर्ट के द्वारा दोषियों को रिहा किए जाने के बाद कांग्रेस ने इस फैसले को बेहद दुर्भाग्यपूर्ण बताया था और कहा था कि इसे स्वीकार नहीं किया जा सकता। 

ताज़ा ख़बरें
कांग्रेस के संचार विभाग के महासचिव जयराम रमेश ने ट्वीट कर कहा था कि कांग्रेस पार्टी सुप्रीम कोर्ट के फैसले की आलोचना करती है। रमेश ने कहा था कि सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में देश की भावना के अनुरूप काम नहीं किया। 
Rajiv Gandhi assassination convicts Congress to file review petition - Satya Hindi
एलटीटीई प्रमुख वेलुपिल्लई प्रभाकरण

पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की 21 मई 1991 को तमिलनाडु के श्रीपेरंबदूर में एक चुनावी रैली में लिबरेशन टाइगर्स ऑफ तमिल ईलम यानी LTTE की एक महिला आत्मघाती हमलावर द्वारा हत्या कर दी गई थी। इस मामले में सात लोगों को दोषी ठहराया गया था। 

सुप्रीम कोर्ट ने 11 नवंबर को राजीव गांधी की हत्या के मामले में उम्रकैद की सजा काट रहे छह दोषियों को रिहा करने का आदेश दिया था। इन दोषियों में नलिनी श्रीहरन, श्रीहरन, संथन, मुरुगन, रॉबर्ट पायस और रविचंद्रन शामिल हैं। 

पेरारिवलन की रिहाई

इस साल मई में भी राजीव गांधी हत्याकांड के दोषियों में से एक एजी पेरारिवलन को सुप्रीम कोर्ट ने रिहा करने का आदेश दिया था। पेरारिवलन 30 साल तक सलाखों के पीछे रहा था। हत्याकांड के समय पेरारिवलन 19 साल का था। उस पर  LTTE के शिवरासन के लिए 9-वोल्ट की दो बैटरी खरीदने का आरोप था। इस तरह हत्याकांड के सभी दोषियों को रिहा कर दिया गया है। 

राजीव गांधी की हत्या के लिए बनाए गए बम में इन बैटरियों का इस्तेमाल किया गया था। शिवरासन हत्या का मास्टरमाइंड था। 

बता दें कि कांग्रेस की महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने 19 मार्च 2008 को अपने पिता की हत्या के मामले में दोषी नलिनी से वेल्लोर जेल में मुलाकात की थी। 
सत्य हिन्दी ऐप डाउनलोड करें

गोदी मीडिया और विशाल कारपोरेट मीडिया के मुक़ाबले स्वतंत्र पत्रकारिता का साथ दीजिए और उसकी ताक़त बनिए। 'सत्य हिन्दी' की सदस्यता योजना में आपका आर्थिक योगदान ऐसे नाज़ुक समय में स्वतंत्र पत्रकारिता को बहुत मज़बूती देगा। याद रखिए, लोकतंत्र तभी बचेगा, जब सच बचेगा।

नीचे दी गयी विभिन्न सदस्यता योजनाओं में से अपना चुनाव कीजिए। सभी प्रकार की सदस्यता की अवधि एक वर्ष है। सदस्यता का चुनाव करने से पहले कृपया नीचे दिये गये सदस्यता योजना के विवरण और Membership Rules & NormsCancellation & Refund Policy को ध्यान से पढ़ें। आपका भुगतान प्राप्त होने की GST Invoice और सदस्यता-पत्र हम आपको ईमेल से ही भेजेंगे। कृपया अपना नाम व ईमेल सही तरीक़े से लिखें।
सत्य अनुयायी के रूप में आप पाएंगे:
  1. सदस्यता-पत्र
  2. विशेष न्यूज़लेटर: 'सत्य हिन्दी' की चुनिंदा विशेष कवरेज की जानकारी आपको पहले से मिल जायगी। आपकी ईमेल पर समय-समय पर आपको हमारा विशेष न्यूज़लेटर भेजा जायगा, जिसमें 'सत्य हिन्दी' की विशेष कवरेज की जानकारी आपको दी जायेगी, ताकि हमारी कोई ख़ास पेशकश आपसे छूट न जाय।
  3. 'सत्य हिन्दी' के 3 webinars में भाग लेने का मुफ़्त निमंत्रण। सदस्यता तिथि से 90 दिनों के भीतर आप अपनी पसन्द के किसी 3 webinar में भाग लेने के लिए प्राथमिकता से अपना स्थान आरक्षित करा सकेंगे। 'सत्य हिन्दी' सदस्यों को आवंटन के बाद रिक्त बच गये स्थानों के लिए सामान्य पंजीकरण खोला जायगा। *कृपया ध्यान रखें कि वेबिनार के स्थान सीमित हैं और पंजीकरण के बाद यदि किसी कारण से आप वेबिनार में भाग नहीं ले पाये, तो हम उसके एवज़ में आपको अतिरिक्त अवसर नहीं दे पायेंगे।
क़मर वहीद नक़वी
सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें

अपनी राय बतायें

देश से और खबरें

ताज़ा ख़बरें

सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें