रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने एससीओ बैठक में पाकिस्तान-चीन के रवैये को क़रारा जवाब देते हुए संयुक्त बयान पर हस्ताक्षर करने से इनकार कर दिया। पहलगाम आतंकी हमले को नज़रअंदाज़ करने और बलूचिस्तान का ज़िक्र थोपने की कोशिश पर भारत ने कड़ा रुख अपनाया। भारत की बात को एससीओ दस्तावेज़ में आखिर क्यों जगह नहीं मिली? क्या भारत की रणनीति कमजोर रही?