आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने क्यों कहा कि सभी भारतीयों का एक डीएनए है जो 40 हज़ार साल से नहीं बदला है। क्या संघ की नीति बदल रही है?
मुसलमान राजाओं को विदेशी हमलावर बता कर आम मुसलमानों को निशाने पर लेने और उन्हें बार-बार पाकिस्तान जाने की सलाह देने वाले राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख ने एक अहम बात कही है। आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने कहा है कि भारत में रहने वाले सभी लोगों के पूर्वज एक थे और उनका डीएनए आज भी वही है जो 40 हज़ार साल पहले था।
उन्होंने यह भी कहा है कि इन पूर्वजों के कारण ही देश फला फूला और संस्कृति बची रही।
राहुल का पलटवार
कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने संघ प्रमुख के बयान पर पलटवार किया है। उन्होंने कहा, "हिन्दू यकीन करते हैं कि हर व्यक्ति का अनूठा डीएनए होता है, हिन्दुत्ववादी मानते हैं कि हर व्यक्ति का एक डीएनए है।"
'सरकार का रिमोट कंट्रोल नहीं'
आरएसएस को बीजेपी की मातृ संस्था माना जाता है और कहा जाता है कि वह बीजेपी सरकारों को नियंत्रित करता रहता है। पर संघ प्रमुख ने इसे सिरे से खारिज कर दिया। उन्होंने कहा, "मीडिया हमें सरकार के रिमोट कंट्रोल के रूप में पेश करता है, लेकिन यह असत्य है, हालांकि, हमारे कुछ कार्यकर्ता निश्चित रूप से सरकार का हिस्सा हैं। सरकार हमारे स्वयंसेवकों को किसी भी प्रकार का आश्वासन नहीं देती है।"
मोहन भागवत ने इसके आगे कहा,
लोग हमसे पूछते हैं कि हमें सरकार से क्या मिलता है? उनके लिए मेरा जवाब यह है कि हमारे पास जो कुछ भी है, उसे हमें खोना भी पड़ सकता है।''
विश्व गुरु!
आरएसएस प्रमुख ने एक बार फिर भारत को विश्व गुरु के रूप में पेश किया। उन्होंने कहा, "हमें हमारे पारंपरिक भारतीय उपचार जैसे कि काढ़ा, क्वाथ और आरोग्यशास्त्र के माध्यम से देखा गया। अब, दुनिया भारत की ओर देख रही है और भारतीय मॉडल का अनुकरण करना चाहती है। हमारा देश भले ही विश्व शक्ति न बने, लेकिन विश्व गुरु ज़रूर हो सकता है।''