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फ़ाइल फ़ोटो

आज देश याद कर रहा है पुलवामा हमले के शहीदों को

पुलवामा हमले के दो साल हो गए। 2019 में आज ही के दिन यानी 14 फ़रवरी को आतंकवादी हमले में 40 जवान शहीद हो गए थे। देश आज उन शहीदों को याद कर रहा है। गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह सहित कई मंत्रियों और राहुल गांधी, प्रियंका गांधी सहित विपक्ष के कई नेताओं ने श्रद्धांजलि देकर शहीदों को नमन किया।

सीआरपीएफ़ ट्वीट किया है, 'माफ़ नहीं किया, भूलेंगे नहीं: पुलवामा हमले में राष्ट्र के लिए सर्वोच्च बलिदान देने वाले हमारे भाइयों को सलाम। ऋणी हैं, हम अपने बहादुर जवानों के परिवारों के साथ खड़े हैं।'

गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, 'मैं उन वीर शहीदों को नमन करता हूँ जिन्होंने 2019 में इसी दिन पुलवामा हमले में अपनी जान न्यौछावर कर दी। भारत उनके असाधारण साहस और सर्वोच्च बलिदान को कभी नहीं भूलेगा।'

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शहीदों को याद करते हुए लिखा, 'मैं सीआरपीएफ़ के उन बहादुर जवानों को श्रद्धांजलि देता हूँ जिन्होंने 2019 में पुलवामा आतंकी हमले में अपने प्राणों की आहुति दी। भारत राष्ट्र की सेवा और उनके सर्वोच्च बलिदान को कभी नहीं भूलेगा। हम उनके परिवारों के साथ खड़े रहना चाहते हैं, जिन्हें इस हमले का खामियाजा भुगतना पड़ा।'

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने भी पुलवामा हमले के शहीदों को याद करते हुए ट्वीट किया। उन्होंने शहीद वीर सैनिकों को श्रद्धांजलि दी और लिखा कि देश उनका ऋणी है।

कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाड्रा ने भी शहीदों को नमन किया। 

समाजवादी पार्टी के नेता और यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा कि पुलवामा के आतंकी हमले में देश के लिए अपनी जान न्योछावर करने वाले जवानों को श्रद्धांजलि दी।

बता दें कि पुलवामा में जैश-ए-मोहम्‍मद के आतंकवादियों ने सेंट्रल रिजर्व पुलिस फोर्स यानी सीआरपीएफ़ के जवानों के काफिले में चल रही एक बस में विस्‍फोटक से भरी कार टकरा दी थी। इसमें 40 जवान शहीद हो गए थे। घटना के बाद पाकिस्तान स्थित आतंकवादी गुट जैश-ए-मुहम्मद ने हमले की ज़िम्मेदारी ली थी।

धमाका इतना ज़ोरदार था कि इससे सीआरपीएफ़ बस के टुकड़े-टुकड़े हो गए। यह बस सीआरपीएफ़ की 54वीं बटालियन की थी।

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तब सीआरपीएफ़ ने कहा था कि सीआरपीएफ़ के काफ़िले में 70 गाड़ियाँ थीं और उसी में से एक बस इसकी चपेट में आ गई। गाड़ियों का काफ़िला जम्मू से श्रीनगर जा रहा था। उस काफ़िले में लगभग 2500 जवान थे। 

उस आतंकवादी हमले से यह सवाल उठता रहा कि इतनी ज़बरदस्त सुरक्षा व्यवस्था के बीच इतनी बड़ी वारदात कैसे हो गई।

इस हमले को अंजाम देने वाले आदिल, कारी यासिर, सज्जाद भट्ट, उमर फारूक, मुदसिर अहमद खान जैसे कई आतंकवादी मारे जा चुके हैं। 

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क़मर वहीद नक़वी
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