हज़ारों साल नर्गिस अपनी बे-नूरी पे रोती हैबड़ी मुश्किल से होता है चमन में दीदा-वर पैदा।
क़रीब 15 साल के लम्बे संघर्ष के बाद आरटीआई क़ानून देश की जनता को मिला भी लेकिन उसकी धार को कुंद करने में सरकार ने 15 साल भी नहीं लगाए।
अब सरकार ‘न्यू इंडिया’ के निर्माण की बात करती है और शासन की पारदर्शिता को फिर से पुराने युग में ले जाने को प्रयासरत है ताकि आप यह भी पता नहीं कर सकें कि आपके गाँव को जाने वाली जो सड़क बनी है उसकी लागत कितनी है, या उसका टेंडर किन मापदंडों के आधार पर ठेकेदार को दिया गया है?