अदालत की आपराधिक अवमानना के लिए दोषी ठहराए गये वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण के मामले में सुप्रीम कोर्ट में गुरूवार को सुनवाई हुई। सुप्रीम कोर्ट ने 14 अगस्त को भूषण को आपराधिक अवमानना का दोषी पाया था और सजा के लिए 20 अगस्त की तारीख़ तय की थी।
अवमानना मामला: प्रशांत भूषण ने कहा- मैं दया की भीख नहीं मांगता
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- 20 Aug, 2020
सुप्रीम कोर्ट की आपराधिक अवमानना के लिए दोषी ठहराये गये वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण ने एक बार फिर कहा कि उन्होंने जो कुछ भी कहा है, वह बेहद सोच-समझकर और विचार करने के बाद ही कहा है।

सुनवाई के दौरान अपनी दलील में प्रशांत भूषण ने कहा, 'मेरे द्वारा किए गए ट्वीट देश के एक नागरिक के रूप में सच को सामने रखने की कोशिश है। अगर मैं इस मौके पर नहीं बोलूंगा तो मैं अपनी जिम्मेदारी को निभा पाने में फेल साबित होऊंगा। मैं यहां पर राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की एक बात को रखना चाहूंगा। महात्मा गांधी ने कहा था, 'मैं दया करने के लिए नहीं कहूंगा, मैं उदारता दिखाने के लिए नहीं कहूगा, मैं अदालत द्वारा दी गई किसी भी सजा को स्वीकार करूंगा और यही एक नागरिक का पहला कर्तव्य भी है।'