श्रीनगर के एक शख्स और छह सदस्यों वाले उनके परिवार को डिपोर्टेशन पर सुप्रीम कोर्ट से राहत मिली है। अदालत ने एक अहम मामले में उनके परिवार के निर्वासन से जुड़ी याचिका पर सुनवाई करते हुए निर्देश दिया कि जब तक इस मामले में अंतिम निर्णय नहीं लिया जाता, तब तक उनके ख़िलाफ़ कोई कार्रवाई नहीं की जाएगी। यह मामला राष्ट्रीय सुरक्षा, नागरिकता और मानवाधिकारों में से जुड़ा है।

याचिकाकर्ता और उनका परिवार कथित तौर पर अवैध प्रवास और नागरिकता से संबंधित मुद्दों के कारण डिपोर्टेशन यानी निर्वासन का सामना कर रहा है। याचिका में दावा किया गया है कि उनके पास भारत में रहने के वैध दस्तावेज़ हैं, और निर्वासन की कार्रवाई उनके मौलिक अधिकारों का उल्लंघन करती है। यह मामला संवेदनशील है क्योंकि यह जम्मू-कश्मीर जैसे रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण क्षेत्र से जुड़ा है, जहाँ नागरिकता और राष्ट्रीयता के मुद्दे अक्सर विवादास्पद रहे हैं।