सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को हेट स्पीच के मामलों के खिलाफ त्वरित कार्रवाई करने में अधिकारियों की विफलता पर फिर से चिंता जताई। अदालत ने कहा कि हर रोज टीवी और सार्वजनिक मंचों पर नफ़रत फैलाने वाले बयान दिए जा रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने कहा, 'क्या ऐसे लोग खुद पर नियंत्रण नहीं कर सकते? जिस दिन राजनीति और धर्म अलग हो जाएंगे, नेता राजनीति में धर्म का उपयोग करना बंद कर देंगे, उसी दिन नफरत फैलाने वाले भाषण भी बंद हो जाएंगे।'
हेट स्पीच पर सरकारें मौन, राज्य नपुंसक हैं: सुप्रीम कोर्ट
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- 30 Mar, 2023
हेट स्पीच को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने आज राज्य सरकारों की जमकर खिंचाई की। जानिए आख़िर इसने अदालत में नेहरू और वाजपेयी के भाषणों का उदाहरण क्यों दिया।

लाइव लॉ की रिपोर्ट के अनुसार सुनवाई करने वाली बेंच में शामिल न्यायमूर्ति केएम जोसेफ ने कहा, 'राज्य नपुंसक है, राज्य शक्तिहीन है; यह समय पर कार्य नहीं करता है। यदि वह चुप है तो ऐसा राज्य किस काम का?' जस्टिस केएम जोसेफ और बीवी नागरत्ना की एक पीठ रैलियों के दौरान नफरत फैलाने वाले भाषणों के खिलाफ कथित तौर पर कार्रवाई करने में विफलता पर महाराष्ट्र के अधिकारियों के खिलाफ अवमानना कार्रवाई की मांग वाली याचिका पर सुनवाई कर रही थी।