वनतारा मामले में 25 अगस्त को एसआईटी से जाँच का आदेश। 12 सितंबर को एसआईटी रिपोर्ट जमा। और 15 सितंबर को फ़ैसला। वनतारा में कुछ भी गड़बड़ी नहीं। केस बंद। और एसआईटी रिपोर्ट को सीलबंद रखने का ही आदेश। सबकुछ बहुत तेज़ी से हुआ और साफ़-साफ़। सुप्रीम कोर्ट से क्लीन चिट तो मिल गई, लेकिन इस फ़ैसले में तेज़ी और सीलबंद लिफाफा को लेकर काफी प्रतिक्रियाएँ आ रही हैं। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सांसद जयराम रमेश ने भी कुछ इसी तरह की टिप्पणी की है।