सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन की कार्यकारी समिति ने अध्यक्ष आदिश अग्रवाल के उस पत्र की निंदा की जिसमें राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से चुनावी बॉन्ड के फैसले को लागू करने से रोकने की मांग की गई थी। कार्यकारी समिति ने न केवल खुद को अग्रवाल के रुख से अलग कर लिया है, बल्कि स्पष्ट रूप से इस विचार की निंदा भी की है और इसे सर्वोच्च न्यायालय के अधिकार को ख़त्म करने और कमजोर करने का प्रयास बताया है।
SC बार की कार्यकारी समिति ने की चुनावी बॉन्ड पर खत के लिए अध्यक्ष की आलोचना
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- 13 Mar, 2024
इलेक्टोरल बॉन्ड पर फ़ैसले रोकने के सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष की राय से आखिर कार्यकारी समिति सहमत क्यों नहीं है? जानिए, इसने क्यों आलोचना की है।

ऑल इंडिया बार एसोसिएशन यानी एआईबीए के लेटरहेड पर मंगलवार को जारी किए गए अग्रवाल के इस पत्र में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से इलेक्टोरल बॉन्ड के फ़ैसले के खिलाफ प्रेसिडेंशियल रेफ़रेंस के माध्यम से इसको प्रभावी होने से रोकने की मांग की है। इसके साथ ही उन्होंने मामले की दोबारा सुनवाई होने तक फ़ैसले को रोकने के लिए भी कहा। उन्होंने पत्र में कहा कि सुप्रीम कोर्ट को ऐसे फैसले नहीं देने चाहिए जो संवैधानिक गतिरोध पैदा करें और संसद की महिमा को कमजोर करें।