बिश्केक में चल रहे शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) की बैठक में सारा फ़ोकस ही बदला हुआ लग रहा है। भारतीय टीवी चैनल और अख़बार ऐसा दर्शा रहे हैं, जैसे यह आठ राष्ट्रों की बैठक भारत-पाक तनाव को लेकर ही हो रही है। वास्तव में इस बैठक का असली मुद्दा यह है कि रुस और चीन मिलकर अमेरिकी दादागीरी का मुक़ाबला कैसे करें। ये दोनों महाशक्तियाँ अपने दंगल में भारत को भी शामिल करना चाहती हैं लेकिन भारत और अमेरिका के रिश्तों में थोड़े से तात्कालिक तनाव के बावजूद काफ़ी गहराई पैदा हुई है।
हम आतंकियों के हाथों में क्यों खेलें!
- देश
- |
- |
- 15 Jun, 2019

यदि हम इसी शर्त पर अड़े रहे कि जब तक आतंकवाद ख़त्म नहीं होगा, तब तक कोई बात ही नहीं होगी तो मान लीजिए कि अगले दस-बीस साल बात ही नहीं होगी। जरा सोचिए कि एक तरफ़ इमरान बातचीत करने के लिए जमकर आग्रह कर रहे हैं और उधर अनंतनाग में आतंकी घटना घट गई! क्या ऐसा काम पाकिस्तानी सरकार के इशारे पर हो सकता है? बिल्कुल नहीं।