दुबई में रविवार को क्रिकेट एशिया कप के तहते होने वाले भारत-पाकिस्तान मैच के खिलाफ विरोध तेज हो चुका है। पहलगाम आतंकी हमले और उसके जवाब में भारत के 'ऑपरेशन सिंदूर' के बाद शहीदों और पीड़ितों के सम्मान में लोग मैच का बहिष्कार कर रहे हैं। शिवसेना यूबीटी, आम आदमी पार्टी और असदुद्दीन ओवैसी की एआईएमआईएम जैसी विपक्षी पार्टियों के कार्यकर्ता विरोध कर रहे हैं। सड़कों पर प्रदर्शन, पुतला दहन और क्लबों का बहिष्कार हो रहा है। सोशल मीडिया से सड़कों तक विरोध हो रहा है और मोदी सरकार पर निशाना साधा जा रहा है। शिवसेना यूबीटी ने कहा है कि आतंकी हमला करने वाले देश के साथ मैच कैसे खेला जा सकता है।

शिवसेना यूबीटी नेता संजय राउत ने कहा है, 'पाकिस्तान से क्रिकेट खेलना देशद्रोह और बेशर्मी की पराकाष्ठा है। पहलगाम की 26 महिलाओं का सिंदूर मिटा, उनका दुख खत्म नहीं हुआ और आप पाकिस्तान से क्रिकेट खेल रहे हैं। पानी और खून साथ नहीं बह सकता, तो खून और क्रिकेट साथ कैसे चल सकता है?' उद्धव ठाकरे ने भी यही बात दोहराई है और मैच के बहिष्कार करने की घोषणा की है।
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यह मुकाबला दुबई इंटरनेशनल क्रिकेट स्टेडियम में आज रात 8 बजे शुरू होगा, लेकिन मैदान के बाहर की जंग पहले ही भड़क चुकी है। एशियन क्रिकेट काउंसिल यानी एसीसी ने भारत-पाक तनाव के कारण टूर्नामेंट को यूएई स्थानांतरित कर दिया था, फिर भी भारत सरकार ने मल्टीलेटरल टूर्नामेंट में भागीदारी की अनुमति दी है। बीसीसीआई का कहना है कि द्विपक्षीय सीरीज तो बंद हैं, लेकिन बहुपक्षीय आयोजनों में पाकिस्तान का सामना करना मजबूरी है, वरना आईसीसी और एसीसी जैसे संगठनों से प्रतिबंध लग सकता है।

पहलगाम हमले को लेकर विरोध

22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 26 लोगों की जान चली गई थी। इसके जवाब में भारत ने 'ऑपरेशन सिंदूर' चलाकर पाकिस्तान पर कड़ा प्रहार किया, सिंधु जल संधि को निलंबित कर दिया, व्यापारिक रूट बंद किए और अंतरराष्ट्रीय मंचों पर पाक को अलग-थलग करने की मुहिम चलाई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वतंत्रता दिवस पर कहा था, 'खून और पानी एक साथ नहीं बह सकते।' लेकिन क्रिकेट मैदान पर यह 'खून और क्रिकेट' की जंग बन गई है।

पहलगाम का खून अभी सूखा नहीं...: राउत

प्रधानमंत्री मोदी के इसी भाषण को लेकर विरोधी अब उनपर हमला कर रहे हैं। राउत ने कुछ दिन पहले ही पीएम मोदी के भाषण का ज़िक्र करते हुए कहा, 'पहलगाम का खून अभी सूखा नहीं, पीड़ित परिवारों के आंसू नहीं थमे, फिर भी पाकिस्तान से मैच खेलना अमानवीय है।' शिवसेना यूबीटी नेता प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा, 'अगर बीसीसीआई और सरकार मैच रद्द नहीं कर सकते, तो नागरिक इसका बहिष्कार करें। कभी न भूलें, कभी माफ न करें। देश की यही भावना है। पहलगाम याद रखें। ...पीएम मोदी ने ऑपरेशन सिंदूर कहा था, तो बीसीसीआई को पाकिस्तान से मैच की इजाजत किसने दी? शहीदों के परिवारों का सम्मान करें।'

आदित्य ठाकरे ने कहा, 'भारत-पाकिस्तान मैच सिर्फ पैसों के लिए हो रहा है। बीसीसीआई और केंद्र ने विचारधारा बेच दी। पाकिस्तान से खेलना देश पर हमले और आतंकवाद के घाव भूलने जैसा है।'
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आम आदमी पार्टी नेता सौरभ भारद्वाज ने कहा, 'पाकिस्तान ने पहलगाम में 26 बहनों का सिंदूर उजाड़ा, ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तानी खिलाड़ियों ने आपत्तिजनक तस्वीरें शेयर कीं। ऐसे लोगों से क्रिकेट कैसे? मैच दिखाने वाले क्लबों, रेस्टोरेंट्स का विरोध करेंगे और बहिष्कार करेंगे।'

पीड़ित परिवार का दर्द

पहलगाम हमले में शहीद शुभम द्विवेदी की पत्नी ऐशान्या द्विवेदी ने भी इस मैच को लेकर सवाल खड़े किए हैं। उन्होंने कहा है कि पाकिस्‍तान इस मैच से होने वाली कमाई का इस्‍तेमाल आतंकवादियों पर खर्च करेगा, जो हम पर फिर हमला करेंगे। उन्होंने कहा, 'बीसीसीआई को भारत और पाकिस्तान के बीच मैच स्वीकार नहीं करना चाहिए था। मुझे लगता है कि बीसीसीआई उन 26 परिवारों के प्रति संवेदनशील नहीं है। उन्‍होंने पहलगाम हमले और उसके बाद ऑपरेशन सिंदूर में हुए नुक़सान को भुला दिया है।'
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शिवसेना का 'सिंदूर रक्षा अभियान' 

शिवसेना यूबीटी नेता संजय राउत ने कहा है कि पार्टी की महिला शाखा 'सिंदूर रक्षा अभियान' चलाएगी, जिसमें महाराष्ट्र की हजारों बहनें-माताएँ सड़कों पर उतरेंगी और पीएम मोदी को घर-घर से सिंदूर भेजकर राष्ट्रीय भावनाओं का संदेश देंगी। 

राउत ने बताया कि रविवार को महाराष्ट्र की हजारों महिलाएँ इस अभियान के तहत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अपने घरों से सिंदूर भेजेंगी, ताकि इस 'विश्वासघात' के खिलाफ अपनी नाराजगी जाहिर की जा सके। इस अभियान का उद्देश्य पहलगाम हमले में मारे गए लोगों के परिवारों की पीड़ा को उजागर करना और सरकार से इस मैच को रद्द करने की मांग करना है।