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केंद्रीय मंत्री कौशल किशोर

श्रद्धा केसः मंत्री कौशल किशोर का बयान- शिक्षित लड़कियां जिम्मेदार

श्रद्धा मर्डर केस में केंद्रीय मंत्री कौशल किशोर का बयान सामने आया है। न्यूज 18 के रिपोर्टर ने उनसे श्रद्धा के मामले में टिप्पणी मांगी तो इस तरह के अपराध के लिए कौशल किशोर ने पढ़ी-लिखी लड़कियों को ही जिम्मेदार ठहरा दिया। न्यूज 18 मंत्री के इस बयान को प्रमुखता से अपने चैनल पर चला रहा है। चैनल की रिपोर्ट के मुताबिक केंद्रीय मंत्री ने लिव इन रिलेशनशिप पर बैन लगाने की मांग की है। चैनल की रिपोर्ट में मंत्री के बयान को श्रद्धा वालकर की तौहीन बताया गया है।

न्यूज 18 को दी गई वीडियो बाइट में मंत्री कौशल किशोर फरमा रहे हैं कि लड़कियों की भी जिम्मेदारी बनती है। जिन्हें मां-बाप पाल पोसकर बड़ा करते हैं और वो एक झटके में मां-बाप को छोड़ देती हैं। वो लिव इन रिलेशनशिप में रहने का क्या मतलब है। लिव इन रिलेशनशिप में रहना है तो उसके लिए बाकायदा रजिस्ट्रेशन होना चाहिए। अगर मां-बाप तैयार नहीं है तो पहले आप कोर्ट मैरिज कीजिए। ये सब घटनाएं उन लोगों के साथ हो रही हैं जो पढ़ी लिखी लड़कियां हैं। जो अपने आप को बहुत फ्रैंक बता देती हैं। मैं बालिग हो गईं हूं। निर्णय लेने की क्षमता मेरे अंदर है। वही इन मामलों में फंसती हैं।

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मंत्री आगे फरमाते हैं - हमारी लड़कियों को ध्यान देना चाहिए कि हम ऐसा क्यों कर रहे हैं। फिर रिपोर्टर सवाल के रूप में अपना मत देता है। वो कहता है - यानी पढ़ी लिखी लड़कियां खुद इसके लिए ज्यादा जिम्मेदार हैं। वो खुद फंस रही हैं। मंत्री जवाब में कहते हैं - बिल्कुल जिम्मेदार हैं। अब इस घटना को लीजिए। उनके माता-पिता ने मना किया। जैसा कि उस लड़की के पिता ने बताया कि बहुत मनाया लेकिन वो नहीं मानी। पढ़ी लिखी लड़की ने ही तो निर्णय लिया। जिम्मेदारी ली। इन सब चक्करों में नहीं पड़ना चाहिए। पहले शादी करो। लिव इन रिलेशन से क्या होता है। ये तरीका अपराध को बढ़ावा दे रहा है। ये गलत तरीका भी है। इसी के परिणाम लोगों को भुगतने पड़ रहे हैं। मैं समझता हूं कि ये नहीं होना चाहिए। नीचे ट्वीट में टीवी 18 का वीडियो देखिए-

टीवी 18 ने खुद ही इस रिपोर्ट को दिखाते हुए मंत्री के बयान पर सवाल उठाए हैं। महिला एंकर ने कहा कि यह बयान अजीबोगरीब है। वो भी ऐसे में जब सुप्रीम कोर्ट ने लिव इन रिलेशनशिप को लीगल ठहराया है। एंकर ने सवाल किया कि आखिर मंत्री ऐसा बयान क्यों दे रहे हैं। रिपोर्ट दिखाने के दौरान चैनल के अन्य रिपोर्टर ने कहा कि केंद्रीय मंत्री ने एक तरह से ग्रामीण लड़कियों को ऐसे मामलों से दूर रहने की तस्वीर पेश की और पढ़ी लिखी लड़कियों को इसका जिम्मेदार बता डाला। मंत्री लिव इन रिलेशनशिप को बैन करने की मांग कर रहे हैं। 

बहरहाल, मंत्री के बयान का विरोध शुरू हो गया है। महिला कांग्रेस की कार्यकारी अध्यक्ष नेता डिसूजा ने मंत्री के बयान को शर्मनाक बताते हुए इसकी निन्दा की है। डिसूजा ने केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी से मंत्री कौशल किशोर के बयान पर प्रतिक्रिया देने को कहा है। उनका ट्वीट देखिए- 
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सुप्रीम कोर्ट और तमाम हाईकोर्ट ने समय-समय पर सुनाए गए फैसलों में लिव इन रिलेशनशिप को जायज ठहराया है। हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने एक फैसले में यह भी कहा है कि लिव इन रिलेशनशिप में पैदा हुए बच्चे का अधिकार संपत्ति में होगा। अभी तक ऐसे बच्चों को लेकर स्थिति साफ नहीं थी लेकिन अब अदालत ने उसे भी साफ कर दिया है। श्रद्धा वालकर के मामले में मंत्री का बयान एक तरह से श्रद्धा को ही कटघरे में खड़ा करने की कोशिश है। श्रद्धा पढ़ी लिखी लड़की थी, जॉब कर रही थी। मंत्री ने पढ़ी लिखी लड़कियों को ही इसका जिम्मेदार ठहरा दिया। उन्होंने ऐसे अपराध के लिए श्रद्धा जैसी लड़कियों को ही जिम्मेदार बता दिया। कुल मिलाकर मौजूदा संदर्भ में मंत्री का बयान विवादास्पद है। 

बीजेपी के नेता भारतीय संस्कारों के संदर्भ में इस तरह के बयान देते रहे हैं। कई बार उनके नेताओं के बयान विवादास्पद होते हैं। सोशल मीडिया पर इसीलिए इसे संस्कारी लोग, संस्कारी पार्टी कहकर मजाक भी उड़ाया जाता है। कई बार आधुनिक लिबास को लेकर कई नेताओं के विवादास्पद बयान सामने आ चुके हैं।
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क़मर वहीद नक़वी
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