मुख्य चुनाव आयुक्त (CEC) ज्ञानेश कुमार गुप्ता और विपक्षी गठबंधन INDIA ब्लॉक के बीच टकराव और तेज हो गया है। दरअसल, ज्ञानेश कुमार ने लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी से कहा था कि वह अपने “वोट चोरी” के आरोपों को शपथपत्र (affidavit) के जरिए साबित करें या फिर पूरे देश से माफी माँगें। सीईसी ज्ञानेश ने राहुल का नाम लिए बिना यह धमकी दी थी। उनके कहने का अंदाज आपत्तिजनक था। इसी के बाद INDIA गठबंधन ने उनके खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव लाने पर गंभीर चर्चा शुरू कर दी है।

सुबह हुई INDIA गठबंधन की बैठक 

 जानकारी के मुताबिक, यह प्रस्ताव सोमवार 18 अगस्त की सुबह INDIA गठबंधन की बैठक में रखा गया, जहाँ सभी दलों ने इसे मंजूरी दी। एक विपक्षी नेता ने मीडिया से कहा कि सभी सदस्य सहमत हैं और अब जल्द ही इसके कानूनी पहलुओं पर चर्चा की जाएगी। नेता के मुताबिक, “यह प्रक्रिया जज के महाभियोग जैसी ही होगी।”

अंतरिक्ष मिशन की चर्चा का बहिष्कार 

 विपक्षी दलों ने यह भी फैसला लिया है कि वे लोकसभा में अंतरिक्ष यात्री शुक्ला के स्पेस मिशन पर होने वाली विशेष चर्चा में हिस्सा नहीं लेंगे। संसद में इस पर दो दिन की विशेष चर्चा तय है, लेकिन विपक्ष ने साफ कहा है: “हम इस चर्चा का हिस्सा नहीं होंगे और अपना विरोध जारी रखेंगे।” क्योंकि विपक्ष वोट चोरी और बिहार एसआईआर पर चर्चा चाहता है लेकिन मोदी सरकार इस पर चर्चा नहीं होने दे रही है। संसद के दोनों सदनों में विपक्षी सांसदों ने जब जब बिहार एसआईआर का मुद्दा उठाना चाहा, बीजेपी के सांसदों ने शोर मचाकर उन्हें चुप करा दिया और हंगामे के बीच संसद स्थगित कर दी जाती है।
ताज़ा ख़बरें

CEC की चेतावनी और राहुल गांधी का पलटवार 

रविवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में CEC ज्ञानेश कुमार गुप्ता ने चेतावनी दी कि अगर राहुल गांधी सात दिनों के भीतर शपथपत्र नहीं देते, तो उनके “वोट चोरी और चुनावी धांधली” के आरोप “झूठे और अमान्य” माने जाएँगे। इसके जवाब में राहुल गांधी ने चुनाव आयोग और मोदी सरकार पर तीखा हमला बोला। उनका आरोप है कि भाजपा के नेतृत्व वाली मोदी सरकार ने 2023 में ऐसा कानून पास किया, जिसके चलते चुनाव आयोग के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जा सकती। “यह सरकार चुनाव आयोग की रक्षा कर रही है, क्योंकि आयोग खुद भाजपा की मदद कर रहा है और मिलकर वोट चोरी में शामिल है।”

औरंगाबाद से कड़ा संदेश

औरंगाबाद की सभा में राहुल का सवाल अपने वोटर अधिकार यात्रा के पहले दिन औरंगाबाद में सभा को संबोधित करते हुए राहुल गांधी ने कहा: “आज चुनाव आयोग ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की। मैं उनसे पूछना चाहता हूँ कि चुनाव प्रक्रिया में CCTV फुटेज के नियम क्यों बदले गए? क्या आपको (जनता) पता है कि अब चुनाव आयुक्तों के खिलाफ किसी भी अदालत में केस दर्ज नहीं किया जा सकता?” औरंगाबाद में राहुल ने यह भी कहा कि वो खुद या तेजस्वी और पूरा बिहार चुनाव आयोग की धमकी से नहीं डरते।

राहुल गांधी ने पेश किए थे सबूत 

इससे पहले 8 अगस्त की प्रेस कॉन्फ्रेंस में राहुल गांधी ने कर्नाटक की एक सीट महादेवापुरा के आंकड़े दिखाते हुए आरोप लगाया था कि वहाँ 1,00,250 वोट चोरी हुए। उनके मुताबिक: 11,965 डुप्लीकेट वोटर थे 40,009 के नकली और अमान्य पते वाले थे 10,452 लोग। एक ही पते पर bulk voters थे 4,132 वोटर अमान्य फोटो के साथ थे और 33,692 वोटर ने Form 6 का दुरुपयोग करके वोट डाला था।
विपक्ष और चुनाव आयोग के बीच यह टकराव आने वाले दिनों में संसद और सियासत, दोनों को और गरमा सकता है।