हालाँकि, अखंड भारत के समर्थकों ने ट्वीट में उन देशों के गठन की तारीखों के साथ एक मैप ट्वीट किया है जिसको वे अखंड भारत का हिस्सा मानते हैं। संदीप शिंदे नाम के यूज़र ने ट्वीट किया है, '...भारत 150 सालों से टूटता रहा है। अखंड भारत हर राष्ट्रवादी हिंदू का सपना होना चाहिए। पहले हम भारत को एक हिंदू राष्ट्र बनाएँ और तब अखंड भारत।'
कांग्रेस नेता कार्ति पी चिदंबरम ने भागवत के बयान से काफी पहले ही 4 अप्रैल को कहा था, 'श्रीलंका और पाकिस्तान दोनों में सरकारें संकट में हैं, अखंड भारत के समर्थकों को भारत के साथ विलय का प्रस्ताव देना चाहिए, क्या कहते हैं? बीजेपी।'
मोहन भागवत के बयानों पर सबसे पहले प्रतिक्रिया देने वाले नेताओं में से एक संजय राउत को लेकर भी लोगों ने ट्वीट किया है। एक यूज़र ने लिखा है, 'संजय राउत अखंड भारत के पहले विदेश मंत्री होंगे।'
एक यूज़र ने लिखा है, 'मोदी ने हमें 25 साल इंतजार करने को कहा है (अमृत काल)। भागवत ने हमें 15 साल इंतजार करने को कहा है (अखंड भारत)।'
एक यूज़र ने लिखा है, 'अखंड भारत को सच साबित करने के लिए हमें औरंगज़ेब आलमगीर जैसे शासक चाहिए। उन्होंने कभी ऐसा कर दिखाया था।'
एक यूज़र ने एक मसजिद की रक्षा में मानव शृंखला बनाए हिंदुओं की तसवीर को ट्वीट करते हुए लिखा है, 'अखंड भारत की अखंड तसवीर... बिहार में नमाज के दौरान मसजिद की सुरक्षा के लिए शृंखला बनाते हिंदू। यही भगवा का वास्तविक स्वरूप है। सम्मान करना, रक्षा करना।'
बता दें कि अखंड भारत को लेकर यह कोई ऐसा पहला बयान नहीं है। इससे पहले भी इसको लेकर जब तब बयान आते रहे हैं। बीजेपी के महासचिव राम माधव ने भी कुछ साल पहले अल जजीरा को दिए एक इंटरव्यू में अखंड भारत को लेकर बयान दिया था। लेकिन बाद में उन्होंने इसे लेकर सफाई दी थी और कहा था कि यह सेना और आक्रमण के ज़रिए नहीं होगा बल्कि सद्भावना से ऐसा होगा। यह सफाई उन्हें इसे लेकर आई प्रतिक्रियाओं के कारण देनी पड़ी थी।