उत्तर प्रदेश के ‘अवैध धर्मांतरण कानून, 2021’ पर गंभीर संवैधानिक सवाल उठाते हुए सुप्रीम कोर्ट ने इस कानून के तहत दर्ज कई एफआईआर रद्द कर दीं। जस्टिस जेबी पारदीवाला और मनोज मिश्रा की पीठ ने कहा कि कानून के कई प्रावधान प्राइवेसी, समान व्यवहार, लोगों की आज़ादी और संवैधानिकता की कसौटी पर खरे नहीं उतरते।