भारत के मुख्य न्यायाधीश एनवी रमना ने कहा है कि देश के कल्याण के लिए 'फ्रीबीज' यानी 'रेवड़ी बांटने' के मुद्दे पर बहस ज़रूरी है। सीजेआई रमना ने कहा कि एक राजनेता द्वारा 'फ्रीबी' के रूप में किए गए वादे और 'कल्याण योजना' के बीच अंतर करने की ज़रूरत है।
'फ्रीबी' व 'कल्याणकारी योजना' में अंतर करना ज़रूरी: सीजेआई
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- 23 Aug, 2022
प्रधानमंत्री मोदी जिस फ्रीबीज को लेकर हाल में सवाल उठाते रहे हैं उस मामले में भारत के मुख्य न्यायाधीश एनवी रमना ने टिप्पणी की है। जानिए उन्होंने क्या कहा।

चुनाव के दौरान 'फ्रीबी कल्चर' पर प्रतिबंध लगाने की मांग वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए सीजेआई ने यह टिप्पणी की। मुख्य न्यायाधीश ने पूछा कि क्या केंद्र द्वारा 'फ्रीबी' पर रोक लगाने वाला क़ानून न्यायिक जाँच के लिए खुला होगा। उन्होंने कहा, 'मान लीजिए कि केंद्र एक कानून बनाता है कि राज्य फ्रीबी नहीं दे सकते तो क्या ऐसा कानून न्यायिक जांच के लिए खुला रहेगा?'