चंडीगढ़ मेयर चुनाव के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को बीजेपी को एक तरह से झटका दिया है। इसने प्रस्ताव दिया है कि विवादास्पद चंडीगढ़ मेयर के लिए नए चुनाव का आदेश देने के बजाय मौजूदा मतपत्रों के आधार पर नतीजे घोषित किए जाएँ। यानी यदि इस प्रस्ताव पर ही अदालत की आख़िरी मुहर लगती है तो फिर बीजेपी के लिए मुश्किल हो सकती है क्योंकि रद्द किए गए आठ वोटों को भी मान्य माने जाने की संभावना है। तो क्या सच में ऐसा होगा?
चंडीगढ़ मेयर चुनाव: SC का प्रस्ताव- दोबारा चुनाव नहीं, पहले के वोट की गिनती हो
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- 29 Mar, 2025
क्या चंडीगढ़ मेयर चुनाव के मामले में बीजेपी को तगड़ा झटका लगने वाला है? क्या आप और कांग्रेस उम्मीदवार के मेयर बनने की संभावना है? जानिए, सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा।

इस सवाल का जवाब सुप्रीम कोर्ट के सोमवार के फ़ैसले से काफी हद तक मिल जाता है। लाइव लॉ की रिपोर्ट के अनुसार, शीर्ष अदालत ने कहा कि वह निर्देश देगा कि पहले से डाले गए वोटों की गिनती उन निशानों को नजरअंदाज करके की जाए जो पिछले पीठासीन अधिकारी अनिल मसीह द्वारा उन पर लगाए गए थे। कोर्ट ने कहा कि वह चंडीगढ़ प्रशासन के डिप्टी कमिश्नर से एक ऐसे अधिकारी को नामित करने के लिए कहेगा, जो किसी भी राजनीतिक दल से जुड़ा न हो, मतपत्रों की गिनती करने और परिणाम घोषित करने के लिए रिटर्निंग ऑफिसर के रूप में नियुक्त किया जाए। कोर्ट ने कहा कि पूरी मतगणना प्रक्रिया की न्यायिक निगरानी पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय द्वारा नामित एक न्यायिक अधिकारी द्वारा की जाएगी।