सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को एक अहम फ़ैसले में मद्रास हाई कोर्ट के उस आदेश को रद्द कर दिया है, जिसमें तमिलनाडु सरकार की कल्याणकारी योजनाओं में मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन के नाम और तस्वीर के उपयोग पर रोक लगाई गई थी। इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में याचिका दायर करने वाले अखिल भारतीय अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम यानी AIADMK के सांसद सी. वी. शनमुगम पर 10 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया। कोर्ट ने इस राशि को तमिलनाडु सरकार को जमा करने का निर्देश दिया और यह शर्त रखी कि इसका इस्तेमाल वंचितों के लिए कल्याणकारी योजना के लाभ में किया जाए।
SC ने योजनाओं में स्टालिन नाम के इस्तेमाल पर रोक हटाई, AIADMK सांसद पर जुर्माना
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- 6 Aug, 2025
क्या तमिलनाडु सरकार सरकारी योजनाओं में मुख्यमंत्री स्टालिन के नाम का इस्तेमाल कर सकती है? इस मुद्दे पर तमिलनाडु सरकार को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी जीत मिली है। जानिए, याचिकाकर्ता सांसद को कितना बड़ा झटका लगा।

तमिलनाडु सरकार की कल्याणकारी योजनाओं में मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन के नाम को इस्तेमाल करने पर विवाद तब शुरू हुआ था जब AIADMK सांसद सी. वी. शनमुगम ने तमिलनाडु सरकार की जनसंपर्क योजना 'उंगलुदन स्टालिन' (आपके साथ स्टालिन) और 'नलम काक्कुम स्टालिन' (स्वास्थ्य रक्षा स्टालिन) में मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन के नाम के इस्तेमाल के ख़िलाफ़ मद्रास हाई कोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की थी। शनमुगम ने तर्क दिया था कि किसी जीवित राजनेता के नाम पर सरकारी योजनाओं का नामकरण करना और उनकी तस्वीरों का इस्तेमाल करना सर्वोच्च न्यायालय के निर्देशों और सरकारी विज्ञापन (सामग्री विनियमन) दिशानिर्देशों, 2014 का उल्लंघन है।