राज्य विधानसभाओं द्वारा पारित विधेयक को अनिश्चितकाल के लिए राज्यपाल अपने पास रख लेंगे तो ऐसी चुनी हुई सरकार का क्या मतलब रह जाएगा? विधेयकों को राज्यपाल द्वारा 'मनमाने' तरीक़े से रोके रखने के केंद्र सरकार की दलील पर सुप्रीम कोर्ट ने कुछ ऐसा ही सवाल उठाया। अदालत ने कहा कि ऐसे तो यह विधायिका को पूरी तरह निष्क्रिय यानी पंगु बना देगा। न्यायालय ने केंद्र से तीखा सवाल करते हुए यह भी पूछा कि क्या न्यायालय ऐसी स्थिति में हस्तक्षेप करने में शक्तिहीन हैं?
राज्यपाल द्वारा विधेयकों को अनिश्चितकाल तक रोकना विधायिका को पंगु बना देगा: SC
- देश
- |
- 21 Aug, 2025
प्रेसिडेंशियल रेफ़रेंस पर सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी क्या केंद्र की दलीलों के लिए बड़ा झटका है? जानिए, राज्यपाल द्वारा विधेयकों को अनिश्चितकाल तक रोकने की केंद्र की दलील पर सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा।

सुप्रीम कोर्ट ने राष्ट्रपति द्वारा भेजे गए एक प्रेसिडेंशियल रेफ़रेंस पर गुरुवार को सुनवाई के दौरान यह तीखी टिप्पणी की। पांच जजों की संविधान पीठ ने यह सवाल उठाया कि क्या इस तरह की स्थिति में न्यायालय निष्क्रिय रह सकता है, जब राज्यपाल अपनी संवैधानिक जिम्मेदारियों का निर्वहन नहीं कर रहे हों। यह सुनवाई राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू द्वारा भेजे गए 14 सवालों पर केंद्रित थी, जिसमें यह पूछा गया था कि क्या राज्यपालों और राष्ट्रपति को विधेयकों पर निर्णय लेने के लिए समय-सीमा निर्धारित की जा सकती है।