राज्य विधानसभाओं द्वारा पारित विधेयक को अनिश्चितकाल के लिए राज्यपाल अपने पास रख लेंगे तो ऐसी चुनी हुई सरकार का क्या मतलब रह जाएगा? विधेयकों को राज्यपाल द्वारा 'मनमाने' तरीक़े से रोके रखने के केंद्र सरकार की दलील पर सुप्रीम कोर्ट ने कुछ ऐसा ही सवाल उठाया। अदालत ने कहा कि ऐसे तो यह विधायिका को पूरी तरह निष्क्रिय यानी पंगु बना देगा। न्यायालय ने केंद्र से तीखा सवाल करते हुए यह भी पूछा कि क्या न्यायालय ऐसी स्थिति में हस्तक्षेप करने में शक्तिहीन हैं?