अदालत ने गुरुवार को कहा कि "हमारा विचार है कि अंतरिम राहत के आवेदन की अस्वीकृति के बाद 20 मार्च, 2024 की अधिसूचना पर रोक लगाने की जरूरत है। 3(1)(बी)(5) की वैधता को चुनौती में गंभीर संवैधानिक प्रश्न और प्रभाव शामिल हैं। जिसमें भाषण और अभिव्यक्ति की आजादी पर नियम का हाईकोर्ट द्वारा विश्लेषण करने की आवश्यकता है।"