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तांडव पर विवादित ट्वीट के लिए कंगना के ख़िलाफ़ ट्विटर का एक्शन

वेब सीरीज तांडव से जुड़े लोगों के ख़िलाफ़ विवादित ट्वीट करने पर ट्विटर ने सिने अदाकारा कंगना रनौत के ख़िलाफ़ एक्शन लिया और उनके अकाउंट को कुछ घंटों के लिए ‘रीड-ओनली’ मोड में डाल दिया। 

कंगना ने इस विवादित ट्वीट में कहा था कि यह अब सिर कलम करने का वक़्त है। कंगना ने यह ट्वीट सूचना और प्रसारण मंत्रालय के उस बयान लेकर किया था जिसमें मंत्रालय की ओर से कुछ दृश्यों में हिंदू देवी-देवताओं के अपमान को लेकर लगे आरोपों का जवाब देने के लिए कहा गया था। 

कंगना ने ट्वीट में लिखा था, ‘भगवान कृष्ण ने भी शिशुपाल की 99 ग़लतियों को माफ किया था। पहले शांति फिर क्रांति, यह उनके सिर कलम करने का वक़्त है। जय श्री कृष्ण।’ इसके बाद ट्विटर ने कुछ घंटों के लिए उनके अकाउंट पर प्रतिबंध लगा दिया था।  

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इसे लेकर ट्विटर के प्रवक्ता ने कहा है कि वह किसी भी ऐसे अकाउंट को लेकर जो उसके नियमों का उल्लंघन करता है, उसके ख़िलाफ़ कार्रवाई करता है। ट्विटर ने कहा है कि वह लोगों को उनके विचार रखने की आज़ादी देता है लेकिन इस आड़ में कोई किसी का उत्पीड़न नहीं कर सकता और दूसरों को ऐसा करने के लिए भड़का नहीं सकता। 

बुधवार शाम को कंगना पर लगा प्रतिबंध हटा दिया गया। कंगना ने इसके बाद किए अपने एक ट्वीट में कहा कि एंटी नेशनल #SuspendKanganaRanaut ट्रेंड करा रहे हैं। उन्होंने कहा कि अगर उनका अकाउंट सस्पेंड होता है तो वह दिखाएंगी कि कंगना रनौत कौन हैं और उनका जीना हराम करके रख देंगी। 

महाराष्ट्र सरकार के साथ कंगना के विवाद पर देखिए वीडियो- 

अमेरिकी संसद पर अपने समर्थकों द्वारा किए गए हमले के बाद दुनिया भर में आलोचनाओं का सामना कर रहे डोनल्ड ट्रंप के ख़िलाफ़ ट्विटर ने बड़ा एक्शन लिया था। ट्विटर ने ट्रंप का अकाउंट हमेशा के लिए बंद कर दिया था। 

किसानों के ख़िलाफ़ बदजुबानी

कंगना रनौत ने कुछ दिन पहले बदजुबानी की सरहदों को लांघते हुए केंद्र सरकार के कृषि क़ानूनों के ख़िलाफ़ आंदोलन कर रहे किसानों को आतंकी बता दिया था। कंगना ने लिखा था- ‘ये वही आतंकी हैं, नागरिकता क़ानून (सीएए) से एक भी इंसान की नागरिकता नहीं गयी मगर इन्होंने ख़ून की नदियां बहा दीं।’ 

इसे लेकर कंगना के ख़िलाफ़ कर्नाटक में एफ़आईआर भी दर्ज की गई थी। 

उद्धव ठाकरे सरकार और बॉलीवुड को लेकर अपने विवादित ट्वीट्स के कारण कंगना ने ख़ूब सुर्खियां बटोरी थीं। बीते साल सितंबर में तब जोरदार बवाल हुआ था जब बीएमसी ने कंगना के ऑफ़िस मणिकर्णिका फ़िल्म्स के बाहर बनी एक बालकनी और कुछ जगहों पर तोड़फोड़ की थी। इसके बाद कंगना रनौत और शिव सेना के नेताओं के बीच ज़बरदस्त बयानबाज़ी हुई थी।

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बंगले के एक हिस्से को गिराए जाने से पहले कंगना ने एक के बाद एक कई ट्वीट करके महाराष्ट्र सरकार पर निशाना साधा था। कंगना ने बीएमसी को बाबर और उसके अधिकारियों को उसकी सेना बताया था। कंगना ने ट्वीट कर कहा था, ‘मणिकर्णिका फ़िल्म्स मेरे लिए एक इमारत नहीं राम मंदिर ही है, आज वहां बाबर आया है, आज इतिहास फिर खुद को दोहराएगा राम मंदिर फिर टूटेगा मगर याद रख बाबर यह मंदिर फिर बनेगा यह मंदिर फिर बनेगा, जय श्री राम, जय श्री राम, जय श्री राम।’ 

शिव सेना नेताओं और कंगना रनौत के बीच ज़बरदस्त ज़ुबानी जंग की शुरुआत सुशांत सिंह मौत के मामले में भाई-भतीजावाद, ड्रग्स जैसे आरोप लगाने से हुई थी लेकिन बात महाराष्ट्र में क़ानून-व्यवस्था तक पहुंच गई थी। कंगना ने मुंबई को पीओके और महाराष्ट्र को पाकिस्तान कहा था और इसके बाद शिव सेना ने इस पर पलटवार किया था।  

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क़मर वहीद नक़वी
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