उन्नाव रेप मामले में कुलदीप सेंगर की उम्रकैद की सजा निलंबित किए जाने के खिलाफ CBI सुप्रीम कोर्ट का रुख करेगी। क्या सीबीआई ने यह फ़ैसला बढ़ते दबाव के बाद लिया है?
उन्नाव रेप केस में कुलदीप सेंगर की उम्रकैद निलंबित होने पर विवाद और चौतरफ़ा दबाव के बीच अब सीबीआई ने फ़ैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देने का निर्णय किया है। 2017 के चर्चित उन्नाव रेप केस में दिल्ली हाई कोर्ट के फैसले से विवाद खड़ा हो गया है। कोर्ट ने दो दिन पहले ही पूर्व बीजेपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर की उम्रकैद की सजा निलंबित कर दी और उन्हें जमानत दे दी।
सीबीआई ने हाई कोर्ट के ऑर्डर का अध्ययन करने के बाद कहा है कि वे सुप्रीम कोर्ट में अपील करेंगे। पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार सीबीआई प्रवक्ता ने बयान दिया कि हाई कोर्ट में सुरक्षा का हवाला देकर सीबीआई और पीड़िता के परिवार ने जमानत का जोरदार विरोध किया था। अब सीबीआई चाहती है कि हाई कोर्ट का फ़ैसला रद्द हो और सजा बरकरार रहे। सीबीआई ने कहा है कि वह हाई कोर्ट के आदेश को रद्द करवाने की पूरी कोशिश करेगी।
नाबालिग से रेप, परिवार पर आफत टूटी
2017 में उत्तर प्रदेश के उन्नाव में एक नाबालिग लड़की का अपहरण कर कुलदीप सेंगर ने रेप किया था। लड़की उस समय सिर्फ़ 17 साल की थी। पीड़िता के पिता की पिटाई की गई और पुलिस हिरासत में मौत हो गई। उनके परिवार पर हमला हुआ। पीड़िता जब वकील और अपनी दो मौसियों के साथ कार से जा रही थी तो रायबरेली में ट्रक ने टक्कर मार दी थी जिसमें दो मौसियों की मौत हो गई थी। पीड़िता ने न्याय पाने के लिए कड़ी मशक्कत की। सुप्रीम कोर्ट से गुहार लगाई तब यह मामला दिल्ली पहुँचा।
सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर केस यूपी से दिल्ली ट्रांसफर किया गया था। दिसंबर 2019 में दिल्ली के एक ट्रायल कोर्ट ने सेंगर को उम्रकैद की सजा सुनाई थी। सेंगर ने अपनी सजा के खिलाफ अपील की थी। मंगलवार को दिल्ली हाई कोर्ट की बेंच ने कहा कि सेंगर पहले ही सात साल पांच महीने जेल में काट चुके हैं, इसलिए उनकी सजा अपील खत्म होने तक निलंबित की जाती है और जमानत दी जाती है। फिलहाल सेंगर जेल में ही रहेंगे, क्योंकि पीड़िता के पिता की कस्टोडियल डेथ के दूसरे केस में उन्हें 10 साल की सजा है और उसमें जमानत नहीं मिली है।पीड़िता का विरोध-प्रदर्शन
हाई कोर्ट के फैसले के बाद 25 साल की हो चुकी पीड़िता ने दिल्ली में प्रदर्शन किया। वे इंडिया गेट के पास अपनी मां और एक्टिविस्ट योगिता भयाना के साथ विरोध जता रही थीं। पुलिस ने उन्हें हिरासत में लिया और मां को जबरन बस से उतारने की कोशिश की, जिससे विवाद हुआ। पीड़िता ने कहा, "ऐसे केस में अगर दोषी को जमानत मिलती है तो देश की बेटियां कैसे सुरक्षित रहेंगी? हमारे लिए यह फैसला 'काल' से कम नहीं। पैसा वाले जीत जाते हैं, बिना पैसा वाले हार जाते हैं।"
इसके साथ ही पीड़िता ने कई आरोप लगाए हैं। पीड़िता ने कहा है कि उनके परिवार, वकीलों और गवाहों की सिक्योरिटी पहले ही हटा ली गई है, अब और डर लग रहा है। पीड़िता ने हाईकोर्ट के फैसले को पूरी तरह चौंकाने वाला बताया है। उन्होंने कहा, 'हम सालों से अदालत के चक्कर काट रहे हैं और यही नतीजा? हमें सिर्फ न्याय चाहिए। हम सुप्रीम कोर्ट जाएंगे।'
राहुल गांधी से मिलीं पीड़िता
पीड़िता बुधवार को अपनी मां के साथ कांग्रेस नेता राहुल गांधी और सोनिया गांधी से मिलीं। मुलाकात सोनिया गांधी के घर 10 जनपथ पर हुई। राहुल गांधी ने कहा कि पीड़िता को सम्मान, सुरक्षा और न्याय मिलना चाहिए, न कि डर और अन्याय। उन्होंने एक्स पर एक पोस्ट किया, "गैंगरेप पीड़िता के साथ ऐसा व्यवहार ठीक है? क्या उसकी 'गलती' है कि उसने न्याय की आवाज उठाई? दोषी को जमानत मिलना शर्मनाक है, खासकर जब पीड़िता को बार-बार परेशान किया जा रहा है और डर में जी रही है।"
राहुल गांधी ने कहा कि हम मरती हुई अर्थव्यवस्था ही नहीं, मरता हुआ समाज भी बन रहे हैं। उन्होंने पीड़िता को पूरा समर्थन देने का वादा किया, जिसमें सुप्रीम कोर्ट में अच्छा वकील और परिवार की सुरक्षा शामिल है। पीड़िता ने कांग्रेस शासित राज्य में शिफ्ट होने की भी मदद मांगी।