गांधीजी का नाम हटाकर मनरेगा को 'विकसित भारत गारंटी रोजगार मिशन' बनाने की तैयारी से संसद में बवाल मचा है! कांग्रेस ने कहा है कि यह सिर्फ़ नाम बदलने का मामला नहीं है, बल्कि काम का हक देने वाली रोजगार गारंटी योजना की योजनाबद्ध हत्या है। विपक्ष इसके ख़िलाफ़ संसद से सड़क तक विरोध करने में जुटा है।

विपक्ष यह विरोध प्रदर्शन तब कर रहा है जब केंद्र सरकार ने दुनिया की सबसे बड़ी ग्रामीण रोजगार योजना महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना यानी मनरेगा की जगह लेने वाले नये बिल को लोकसभा में पास करा लिया है। इस नए बिल का नाम है 'विकसित भारत गारंटी फॉर रोजगार एंड आजीविका मिशन (ग्रामीण) यानी 'वीबी-जी राम जी बिल'। इस बिल में मनरेगा से महात्मा गांधी का नाम हटा दिया गया है और कई बदलाव लाने का प्रस्ताव है। लेकिन कांग्रेस सहित विपक्षी पार्टियां इसका कड़ा विरोध कर रही हैं।

'सरकार काम का अधिकार छीन रही है'

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने इस बिल को मनरेगा की 'योजनाबद्ध हत्या' करार दिया है। उन्होंने कहा, 'यह सिर्फ मनरेगा का नाम बदलने की बात नहीं है। यह दुनिया की सबसे बड़ी रोजगार योजना को खत्म करने की साजिश है। आज बात काम के अधिकार को छीनने की है। हमने जो अधिकार दिया था, सरकार उसे छीन रही है। नए कानून में सरकार जब मन करेगी, तब काम देगी। बाद में कह देगी कि डिमांड नहीं है, इसलिए काम नहीं मिलेगा।'
खड़गे ने आगे कहा कि यह पिछड़े वर्गों, दलितों और गरीबों के अधिकारों पर हमला है। उन्होंने आरोप लगाया कि मोदी सरकार ने महात्मा गांधी का अपमान किया है और गांवों में सामाजिक-आर्थिक बदलाव लाने वाले काम के अधिकार को कुचल दिया है। खड़गे ने चेतावनी दी कि सत्ताधारी सरकार के इस जुल्म के खिलाफ कांग्रेस संसद से सड़क तक संघर्ष करेगी। उन्होंने कहा, 'हम हर राज्य और जिले में लोगों के अधिकारों के लिए लड़ेंगे। यह सिर्फ गांधी जी के नाम की बात नहीं, बल्कि अधिकारों का सवाल है।'

बिल मनरेगा बंद करने की साज़िश: प्रियंका

कांग्रेस की वरिष्ठ नेता प्रियंका गांधी वाड्रा ने भी इस बिल का पुरजोर विरोध किया। उन्होंने कहा, 'इस बिल से मनरेगा खत्म होने जा रही है। हम इसका पूरी तरह विरोध करेंगे। सभी विपक्षी पार्टियां इस पर एकजुट हैं। 100 दिन से 125 दिन करने की बात सिर्फ एक चालाकी है। असल में इस बिल से योजना धीरे-धीरे बंद हो जाएगी। जैसे ही बजट का बोझ राज्यों पर डाला जाएगा, मनरेगा खत्म हो जाएगी।'

प्रियंका ने बताया कि मनरेगा गरीब से गरीब लोगों के लिए रोजगार का बड़ा सहारा थी। कोरोना जैसे संकट में भी यह योजना उनके साथ खड़ी रही। उन्होंने कहा कि यह बिल गरीब मजदूरों के खिलाफ है और हम इसका सख्त विरोध करेंगे। प्रियंका ने नाम बदलने की सरकार की आदत पर भी तंज कसा। उन्होंने पूछा कि महात्मा गांधी का नाम हटाने का मकसद क्या है? गांधी जी देश और दुनिया के सबसे बड़े नेता हैं, उनका नाम हटाना समझ से बाहर है।
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विपक्ष का कहना है कि नया बिल मनरेगा के मूल अधिकार को कमजोर कर देगा। मनरेगा में काम की मांग पर रोजगार मिलता था और केंद्र सरकार पूरा खर्च उठाती थी। लेकिन नए बिल में बजट पहले से तय होगा, राज्यों पर बोझ बढ़ेगा और केंद्र ज्यादा नियंत्रण रखेगा। विपक्ष ने इसे गांधी जी की विरासत का अपमान और गरीबों के अधिकार छीनने की कोशिश बताया।

दूसरी तरफ सरकार का कहना है कि नया बिल ग्रामीण विकास को मजबूत करेगा और विकसित भारत 2047 के सपने को साकार करेगा। लेकिन संसद में इस बिल पर काफी हंगामा हुआ और विपक्षी सांसदों ने महात्मा गांधी की तस्वीरें लेकर प्रदर्शन किया।

यह मुद्दा अब राजनीतिक लड़ाई का बड़ा केंद्र बन गया है। कांग्रेस ने पूरे देश में विरोध प्रदर्शन करने का ऐलान किया है। आने वाले दिनों में इस पर और बहस होने की संभावना है।