राहुल गांधी द्वारा हाल ही में चुनाव आयोग पर मतदाता सूची में बड़े पैमाने पर धोखाधड़ी के आरोप लगाने के बाद कई चौंकाने वाले मामले सामने आए हैं, जिन्होंने चुनाव प्रक्रिया की पारदर्शिता पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। मतदाता सूची के अनुसार तो एक-एक कमरे और घरों में सैकड़ों लोगों के रहने की ख़बरें आई हैं। कुछ मामलों में तो अलग-अलग सरनेम यानी अलग-अलग जाति के लोगों का पता एक ही मिला। कई मामलों में वोटरों के माता-पिता और तस्वीरों में गड़बड़ियाँ भी सामने आईं। दोहरे मतदाता पहचान पत्र संख्या की रिपोर्ट भी आई है।

कुछ मीडिया रिपोर्टों में तो राहुल के आरोपों की पुष्टि भी हुई। फैक्ट चेकरों ने भी ऐसी गड़बड़ियों की पुष्टि की है। लेकिन इसके बावजूद चुनाव आयोग लगातार गड़बड़ी की रिपोर्टों को खारिज कर रहा है। राहुल गांधी ने 2024 के लोकसभा चुनावों में कर्नाटक, बिहार और महाराष्ट्र में मतदाता सूची में हेरफेर और 'वोट चोरी' का आरोप लगाया था। इन आरोपों के बाद लगातार गड़बड़ियों की रिपोर्टें आ रही हैं।
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दोहरे EPIC ID का मामला

कर्नाटक में एक और चौंकाने वाला खुलासा तब हुआ, जब यह पता चला कि ओम प्रकाश बागरी, सरस्वती बागरी और माला बागरी नाम के वोटरों के पास दो अलग-अलग इलेक्टोरल फोटो आइडेंटिटी कार्ड हैं। ये तीनों व्यक्ति एक ओर महादेवपुरा में पंजीकृत हैं, तो दूसरी ओर दक्षिण बेंगलुरु और ओडिशा के कटक में भी उनके नाम मतदाता सूची में दर्ज हैं। यह दोहरी पंजीकरण की घटना मतदाता सूची में गंभीर अनियमितताओं का संकेत देती है। 

यह जानकारी फैक्ट चेक करने वाली वेबसाइट ऑल्ट न्यूज़ के को फाउंडर मोहम्मद ज़ुबैर ने साझा की है। दरअसल, उन्होंने बीजेपी आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय द्वारा दी गई ग़लत जानकारी का फैक्ट चेक किया है। ज़ुबैर ने अमित मालवीय को संबोधित करते हुए लिखा है, 'चुनाव आयोग की पोल खोलने और उनके वोटर आईडी शेयर करने के लिए धन्यवाद। आपके द्वारा शेयर की गई तस्वीर में दिख रहे तीन लोगों (ओम प्रकाश बागड़ी, सरस्वती बागड़ी और माला बागड़ी) के दो अलग-अलग EPIC आईडी हैं। एक महादेवपुरा में और दूसरा दक्षिण बेंगलुरु और कटक में पंजीकृत है। ...किसी के पास अलग-अलग घरों के दो EPIC नंबर कैसे हो सकते हैं? चुनाव आयोग समझाए।'

एक कमरे में 250 मतदाता

एक्स पर कई पोस्टों में दावा किया गया कि बिहार के मुजफ्फरपुर जिले के भगवानपुर विधानसभा क्षेत्र में एक मकान (मकान नंबर 27) में 250 से ज्यादा मतदाता दर्ज हैं। अजीत अंजुम ने एक रिपोर्ट में कहा है कि इनमें विभिन्न जातियों और धर्मों के लोग शामिल हैं। रिपोर्ट है कि मुजफ्फरपुर के जिला निर्वाचन कार्यालय ने इस मामले की जांच शुरू की है, लेकिन अभी तक कोई आधिकारिक निष्कर्ष सामने नहीं आया है। 

10 वर्ग फुट के कमरे में 80 वोटर: रिपोर्ट

राहुल गांधी के आरोपों की सत्यता जांचने के लिए इंडिया टुडे ने बेंगलुरु सेंट्रल लोकसभा सीट के तहत महादेवपुरा विधानसभा क्षेत्र में ग्राउंड पर जांच की। इस जांच में एक और चौंकाने वाला तथ्य सामने आया कि एक 10-15 वर्ग फुट के छोटे से घर में 80 मतदाताओं का पंजीकरण किया गया था। इंडिया टुडे के पत्रकार सागयराज पी ने इसकी पुष्टि करते हुए बताया कि हाउस नंबर 35 एक बीजेपी कार्यकर्ता से जुड़ा हुआ है। इसमें इतनी बड़ी संख्या में मतदाता दर्ज किए गए हैं। यह खुलासा राहुल गांधी के उस दावे को बल देता है, जिसमें उन्होंने कहा था कि एक ही पते पर सामूहिक मतदाता पंजीकरण के जरिए धोखाधड़ी की गई।
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एमपी: 1696 पते पर 50-100 वोटर

क़रीब महीने भर पहले मध्य प्रदेश में भी मतदाता सूची में बड़े पैमाने पर फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ था। दैनिक भास्कर की 11 जुलाई 2025 की रिपोर्ट के अनुसार, मध्य प्रदेश राज्य निर्वाचन आयोग की ताजा जांच में 1,696 ऐसे पते सामने आए, जहां एक ही घर में 50 से लेकर 100 तक वोटर रजिस्टर्ड हैं। यह जानकारी तब सामने आई, जब उपचुनाव के लिए मतदाता सूची का डेटा तैयार किया गया। इस खुलासे ने राज्य की चुनावी प्रक्रिया की पारदर्शिता और विश्वसनीयता पर गंभीर सवाल उठाए।

राहुल गांधी के आरोप 

राहुल गांधी ने 7 अगस्त 2025 को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कर्नाटक के महादेवपुरा विधानसभा क्षेत्र में 1,00,250 फर्जी वोटों की बात कही थी। उन्होंने बताया कि कांग्रेस की जाँच में 11,965 डुप्लिकेट मतदाता, 40,009 फर्जी या अवैध पते, 10,452 एक ही पते पर सामूहिक पंजीकरण, 4,132 अस्पष्ट तस्वीरें और 33,692 बार फॉर्म 6 का दुरुपयोग पाया गया। इसके अलावा उन्होंने दावा किया कि कर्नाटक में उनकी पार्टी को 15-17 सीटें जीतनी थीं, लेकिन केवल 9 सीटें मिलीं, जो मतदाता सूची में हेरफेर का परिणाम है। उन्होंने कहा है कि मतदाता सूची की इलेक्ट्रॉनिक कॉपी मिले तो साबित कर देंगे कि मोदी वोट चोरी कर प्रधानमंत्री बने हैं। 

राहुल गांधी ने चुनाव आयोग से पिछले 10 सालों की डिजिटल मतदाता सूची और मतदान केंद्रों की सीसीटीवी फुटेज साझा करने की मांग की है। उन्होंने कहा, '
अगर आयोग यह डेटा साझा नहीं करता तो वह अपराध को छिपाने और बीजेपी की मदद करने का दोषी है।
राहुल गांधी
कांग्रेस नेता

चुनाव आयोग का जवाब

बहरहाल, राहुल गांधी के आरोपों को चुनाव आयोग ने 'निराधार' और 'गैर-जिम्मेदाराना' करार देते हुए खारिज कर दिया है। आयोग ने कहा कि राहुल गांधी ने कभी भी व्यक्तिगत रूप से कोई औपचारिक शिकायत दर्ज नहीं कराई और उनकी पिछली शिकायतों को बाद में अस्वीकार कर दिया गया। आयोग ने राहुल गांधी से या तो अपनी बातों की पुष्टि के लिए हलफनामा दाखिल करने या देश से माफी मांगने को कहा है।
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राजनीतिक प्रतिक्रियाएँ

कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने राहुल गांधी के आरोपों का समर्थन करते हुए कहा कि यह अब साफ़ हो रहा है कि कांग्रेस की हार जनता की राय के कारण नहीं, बल्कि अवैध हेरफेर के कारण हुई। उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने भी कहा कि उनकी पार्टी के पास हेरफेर किए गए वोटों का दस्तावेजी सबूत है। दूसरी ओर, बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष बी वाई विजयेंद्र ने राहुल गांधी को 'हताश नेता' करार देते हुए उनके आरोपों को खारिज किया और कहा कि महादेवपुरा हमेशा से बीजेपी का गढ़ रहा है।

राहुल गांधी ने कहा कि उनकी पार्टी इस मामले को संसद में उठाएगी और निर्वाचन प्रक्रिया में पारदर्शिता की मांग करेगी। उन्होंने यह भी चेतावनी दी कि अगर दोषी अधिकारियों को सजा नहीं दी गई, तो कांग्रेस पूरे देश में ऐसी अनियमितताओं को उजागर करेगी।