लद्दाख पुलिस ने पर्यावरण एक्टिविस्ट सोनम वांगचुक की पाकिस्तान से कथित संबंधों और विदेशी फंडिंग के आरोपों की जांच शुरू कर दी है। केंद्र शासित प्रदेश के डीजीपी एसडी सिंह जमवाल ने शनिवार को एक संवाददाता सम्मेलन में इसकी जानकारी दी। उन्होंने वांगचुक के पाकिस्तान यात्रा और कुछ संदिग्ध गतिविधियों पर सवाल उठाते हुए कहा कि उनकी विश्वसनीयता पर गंभीर सवाल हैं। 

अखबार के प्रोग्राम में जाने पर तलाशा गया पाकिस्तानी लिंक

डीजीपी जमवाल ने कहा, "उन्होंने पाकिस्तान में डॉन मीडिया हाउस के एक आयोजन में भाग लिया था। इसलिए उन पर एक बड़ा सवाल है।" उन्होंने बताया, "हाल ही में हमने एक पाकिस्तानी पीआईओ (भारतीय मूल के व्यक्ति) को गिरफ्तार किया था जो उनके बारे में रिपोर्टिंग कर रहा था।" जमवाल ने वांगचुक पर विदेशी अंशदान (नियमन) अधिनियम (एफसीआरए) का उल्लंघन करने के आरोप लगाते हुए कहा कि उनकी फंडिंग की जांच चल रही है। डॉन अखबार पाकिस्तान का सबसे प्रतिष्ठित अखबार है। अखबार ने अपने कार्यक्रम में सोनम वांगचुक को बुलाया था। लेकिन सवाल यह है कि क्या अखबार के प्रोग्राम में शामिल होने से वांगचुक के पाकिस्तानी संबंधों का पता चलता है।

पत्रकार राजदीप सरदेसाई का सवाल 

जाने-माने पत्रकार राजदीप सरदेसाई ने यह सवाल उठाया है। उन्होंने एक्स पर लिखा- पाकिस्तान के सबसे बड़े अखबार समूह डॉन द्वारा आयोजित एक मीडिया कार्यक्रम में शामिल होने को क्या उन्हें 'राष्ट्र-विरोधी' ठहराने का कारण मान लिया जाए? यह तो ऐसा ही है जैसे कोई पाकिस्तानी अगर टाइम्स ऑफ इंडिया के मीडिया कार्यक्रम में शामिल हो जाए, तो उसे उनकी सरकार राष्ट्र-विरोधी करार दे देगी। क्या हमारी पुलिस कम से कम उनके जैसे कद के किसी व्यक्ति को एनएसए के तहत तुरंत गिरफ्तार करने के लिए बेहतर सबूत तो ढूंढ ही सकती है? (यह मत भूलिए कि मैग्सेसे पुरस्कार विजेता होने के नाते वांगचुक के काम को दुनिया भर में मान्यता मिली है)।

पाकिस्तान से क्रिकेट और सोनम वांगचुक की देशभक्ति पर सवालः उद्धव 

शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख उद्धव ठाकरे ने पर्यावरण कार्यकर्ता सोनम वांगचुक की हिरासत को लेकर केंद्र सरकार की आलोचना की है। ठाकरे ने कहा, वांगचुक ने भारतीय सैनिकों के लिए दुर्गम इलाक़ों में सौर टेंट तकनीक विकसित की लेकिन उन्हें देश-विरोधी करार दिया जा रहा है। उन्होंने यह भी सवाल उठाया कि "जो हमारी सेना के लिए काम कर रहा है, उसे देश-विरोधी करार दिया गया है, और एनएसए के तहत हिरासत में लिया गया है, जबकि आप पाकिस्तान के साथ क्रिकेट खेल रहे हैं, जो भारत में आतंक फैलाता है. यह किस तरह की देशभक्ति है?

सोनम पर और क्या आरोप हैं

पुलिस प्रमुख ने वांगचुक को भड़काऊ इतिहास वाला शख्स बताया। डीजीपी ने आरोप लगाया है, "वांगचुक ने अरब स्प्रिंग, (अरब विद्रोह) नेपाल और बांग्लादेश का जिक्र करते हुए लोगों को उकसाया।" उन्होंने पर्यावरण कार्यकर्ताओं को "कथित" बताते हुए कहा, "इनमें कुछ तथाकथित पर्यावरण कार्यकर्ता शामिल थे। उनकी विश्वसनीयता पर भी सवाल है। उन्होंने मंच को हथियाना चाहा, और मुख्य नाम यहां सोनम वांगचुक का है।" जमवाल ने यह भी आरोप लगाया कि वांगचुक ने पहले केंद्र के साथ चल रही वार्ताओं को पटरी से उतारने की कोशिश की थी। सवाल फिर से वही है कि क्या नेपाल, श्रीलंका, बांग्लादेश, अरब विद्रोह का जिक्र करने मात्र से कोई देशद्रोही हो जाता है। इन देशों में हुए विद्रोह तो अब किताबों में दर्ज हो गए हैं।

पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह का सरकार से सवाल

कांग्रेस नेता और एमपी के पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह ने वांगचुक की हिरासत की कड़ी निंदा की। उन्होंने कहा, "सोनम वांगचुक ने लद्दाख को उसकी संस्कृति और विरासत से पहचान दिलाई। उन्होंने शिक्षा और स्वास्थ्य के माध्यम से हर संभव सेवा की।" सिंह ने सरकार पर वादाख्यापी होने का आरोप लगाते हुए कहा, "सरकार ने चुनावों के बाद राज्य का दर्जा और छठी अनुसूची का वादा किया था, लेकिन वादा निभाया नहीं।" उन्होंने याद दिलाया कि 2019 तक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वांगचुक की सराहना की थी।