डीमके का खुलकर विरोधः डीएमके सांसद कनिमोझी ने कहा- "यह अनुच्छेद 30 का सीधा उल्लंघन है जो अल्पसंख्यकों को उनके संस्थानों का प्रबंधन करने से संबंधित है। यह विधेयक एक विशेष धार्मिक समूह को टारगेट करता है...।"
केंद्रीय मंत्री किरण रिजिजू ने सांसदों को शांत करते हुए कहा- ''इस विधेयक से किसी भी धार्मिक संस्था की स्वतंत्रता में कोई हस्तक्षेप नहीं होगा...किसी का अधिकार लेने की बात तो छोड़िए, उन्हें अधिकार देने के लिए यह विधेयक लाया गया है, जिन्हें ये कभी नहीं मिले...।"