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योगी के बयान के निहितार्थ क्या हैं, बजरंग मुनि को कौन पकड़ेगा?

यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राज्य में दंगा फसाद न होने पर अपनी पीठ ठोंकी। उन्होंने कहा कि रामनवमी के दिन यूपी में 800 स्थानों पर शोभा यात्रा निकली लेकिन कहीं कोई दंगा फसाद नहीं हुआ। इस समय रमज़ान का महीना भी चल रहा है लेकिन कहीं कोई तू-तू मैं-मैं तक नहीं हुई। दंगा फसाद तो दूर की बात है। योगी के इस बयान के अलग-अलग मतलब निकाले जा रहे हैं। कुछ लोगों का कहना है कि दरअसल, ये मुसलमानों को एक चेतावनी है। कुछ लोगों का कहना है कि उन्होंने उन राज्यों का मजाक उड़ाया है, जहां रामनवमी पर हिंसा हुई। इसमें मध्य प्रदेश भी है, जहां बुलडोजर बाबा (योगी) की नकल बुलडोजर मामा (शिवराज सिंह चौहान) के रूप में की गई और उसे जमकर प्रचारित किया जा रहा है। 

बीजेपी के नेता लालजी टंडन की जयंती पर योगी ने ये बातें कल शाम को लखनऊ में कहीं थीं। योगी ने कहा कि यूपी में दंगे-फसाद की कोई जगह नहीं है। ये यूपी के विकास की नई सोच को प्रदर्शित करता है। अराजकता के लिए, गुंडागर्दी के लिए और अफवाह के लिए यूपी में कोई जगह नहीं है। योगी ने अपने भाषण को बाद में ट्वीट भी किया।

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योगी के इस बयान से पहले गुजरात, कर्नाटक, राजस्थान, एमपी और झारखंड से साम्प्रदायिक हिंसा की खबरें आ चुकी थीं। इन राज्यों में मुस्लिमों के धार्मिक स्थलों को तोड़े जाने और उन पर भगवा झंडा फहराने की खबरें सामने आई थीं।

योगी के इस बयान से वो खबरें नहीं दब सकतीं, जिन घटनाओं में समुदाय विशेष को टारगेट किया गया। योगी आदित्यनाथ की टिप्पणी ऐसे समय में आई है जब सीतापुर जिले में एक मस्जिद के बाहर नवरात्र उत्सव की शुरुआत में एक हिंदू पुजारी की अभद्र भाषा के खिलाफ योगी सरकार द्वारा कार्रवाई नहीं किए जाने पर सवाल खड़े हो गए हैं। पुजारी बजरंग मुनि ने कथित तौर पर मुस्लिम महिलाओं के अपहरण और बलात्कार की धमकी दी थी। पुलिस ने मामला तो दर्ज कर लिया है लेकिन अभी तक उसे गिरफ्तार नहीं किया है।

आक्रोश फैलाने वाले एक वायरल वीडियो में, लखनऊ से लगभग 100 किलोमीटर दूर खैराबाद शहर में भगवा पहने महंत बजरंग मुनि ने पुलिसकर्मियों की मौजूदगी में एक जीप से एक सभा को संबोधित किया, और सांप्रदायिक और भड़काऊ टिप्पणी की। योगी आदित्यनाथ की टिप्पणी ऐसे समय में आई है जब उत्तर प्रदेश के सीतापुर जिले में एक मस्जिद के बाहर नवरात्र उत्सव की शुरुआत में एक हिंदू पुजारी के अभद्र भाषा के खिलाफ उनकी सरकार द्वारा कार्रवाई नहीं किए जाने पर सवाल उठाए गए हैं। पुजारी बजरंग मुनि ने कथित तौर पर मुस्लिम महिलाओं के अपहरण और बलात्कार की धमकी दी थी। पुलिस ने मामला तो दर्ज कर लिया है लेकिन अभी तक उसे गिरफ्तार नहीं किया है।
आक्रोश फैलाने वाले एक वायरल वीडियो में, लखनऊ से लगभग 100 किलोमीटर दूर खैराबाद शहर में भगवा पहने महंत बजरंग मुनि ने पुलिसकर्मियों की मौजूदगी में एक जीप से एक सभा को संबोधित किया, और सांप्रदायिक और भड़काऊ टिप्पणी की। भीड़ ने जय श्री राम के नारों से उनका उत्साह बढ़ाया।

उस पुजारी ने कहा कि अगर किसी मुस्लिम ने इलाके में किसी लड़की को परेशान किया, तो वह मुस्लिम महिलाओं का अपहरण कर लेगा और सार्वजनिक रूप से उनका बलात्कार करेगा।

बजरंग मुनि के इस विवादास्पद बयान के खिलाफ खैराबाद की मुस्लिम महिलाओं ने अगले दिन सड़कों पर प्रदर्शन किया और बजरंग मुनि को गिरफ्तार करने की मांग की। देश की मीडिया ने मुस्लिम महिलाओं के प्रदर्शन को महत्व ही नहीं दिया। योगी आदित्यनाथ की सरकार ने भी इस जन प्रदर्शन पर कोई तवज्जो नहीं दी। बहुत स्पष्ट है कि सरकार और पुलिस का रवैया ऐसा कथित पुजारियों को लेकर क्या है। 

अकेला बजरंग मुनि ही आजाद नहीं घूम रहा है। गाजियाबाद के डासना देवी मंदिर का पुजारी यति नरसिंहानंद ने हाल ही में मथुरा और दिल्ली में मुसलमानों के खिलाफ बहुत ही बुरे शब्दों का इस्तेमाल करते हुए बयान दिए। यूपी पुलिस इस विवादास्पद पुजारी के खिलाफ कार्रवाई करने से बच रही है, जबकि यह शख्स अपनी जमानत शर्तों का भी उल्लंघन कर रहा है। 

सोशल मीडिया मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के बयान पर बंट गया है। तमाम लोग योगी की वाहवाही कर रहे हैं। इन लोगों ने लिखा है कि आजतक किसी भी शासनकाल में मुसलमानों पर इतना अंकुश नहीं लग पाया था, जितना अब लगा है। इसी वजह से दंगा करने वाले घरों में छिपे हैं और यूपी को योगी बाबा ने सुरक्षित कर दिया है। कुछ लोगों ने लिखा है कि सिर्फ योगी ही मुसलमानों को टाइट कर सकते हैं। दूसरी तरफ तमाम लोग ऐसे भी जिन्होंने योगी का मजाक उड़ाया है। उनके बुलडोजर पर सवाल किया है। इन लोगों ने लिखा है कि योगी पुलिस को जिस तरह समुदाय विशेष को टारगेट करने की खुली छूट दे रहे हैं, वो भविष्य के लिए अच्छा नहीं है। इसके घातक नतीजे हो सकते हैं। कुछ लोगों ने लिखा है कि योगी का बयान मुसलमानों पर कटाक्ष है और उन्हें उकसाने की कोशिश है। योगी चाहते हैं कि मुसलमान उपद्रव करें और पुलिस को उन्हें ठोंकने का मौका मिले।  

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कुछ लोगों ने लिखा है कि योगी ने उन राज्यों का मजाक उड़ाने की कोशिश की है जो रामनवमी पर हिंसा को नियंत्रित नहीं कर पाए। इन लोगों ने लिखा है कि यूपी दरअसल खराब कानून व्यवस्था के लिए बदनाम रहा है। इसलिए दंगा न होना योगी के लिए बहुत बड़ी उपलब्धि बन गया है। इसीलिए वो बाकी राज्यों का मजाक उड़ा रहे हैं। जिन राज्यों में रामनवमी पर साम्प्रदायिक हिंसा हुई, राजस्थान और झारखंड को छोड़कर सभी बीजेपी शासित राज्य हैं। गुजरात, कर्नाटक, एमपी में सबसे ज्यादा घटनाएं हुई हैं। एमपी के खरगौन और बड़वानी में हिंसा की घटनाओं के बाद मुस्लिमों के घर और दुकानों पर बुलडोजर चले। लेकिन उसमें उन मकानों को भी तोड़ दिया गया, जो प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत बने थे। जाहिर है कि पीएम आवास योजना का पैसा तो गलत तरह से बनने वाले मकानों को नहीं मिलेगा। 

 

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क़मर वहीद नक़वी
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