loader

सर्वसम्मति से राज्यसभा में महिला आरक्षण विधेयक पास हुआ  

संसद के विशेष सत्र के चौथे दिन गुरुवार को राज्यसभा में भी महिला आरक्षण विधेयक (नारी शक्ति वंदन विधेयक) सर्वसम्मति से पास हो गया है। 
इस विधेयक के खिलाफ किसी ने सांसद ने वोट नहीं दिया। राज्यसभा में मौजूद सभी 215 सांसदों ने इस विधेयक का समर्थन किया है। अब इसे राष्ट्रपति के पास मंजूरी के लिए भेजा जाएगा। राष्ट्रपति की मंजूरी मिलते ही यह विधेयक कानून बन जाएगा। 

इससे पहले बुधवार को महिला आरक्षण विधेयक लोकसभा से पास हुआ था। अब इसके कानून बनने और आवश्यक प्रक्रियाओं को पूरा होने के बाद महिलाओं को लोकसभा और विधानसभाओं में 33 प्रतिशत आरक्षण मिलेगा। 

इसके साथ ही पांच दिनों का विशेष सत्र चार दिनों में ही संपन्न हो गया। लोकसभा और राज्यसभा को अनिश्चित काल के लिए स्थगित कर दिया गया है। 
ताजा ख़बरें

पीएम ने दी 140 करोड़ भारतीय को बधाई 

इस विधेयक को पास होने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि हमारे देश की लोकतांत्रिक यात्रा में यह एक निर्णायक क्षण है। इसको 140 करोड़ भारतीयों को बधाई। उन्होंने कहा कि मैं उन सभी राज्यसभा सांसदों को धन्यवाद देता हूं जिन्होंने नारी शक्ति वंदन अधिनियम के लिए वोट किया। 

इस तरह का सर्वसम्मत समर्थन वास्तव में ख़ुशी देने वाला है। संसद में नारी शक्ति वंदन अधिनियम के पारित होने के साथ, हम भारत की महिलाओं के लिए मजबूत प्रतिनिधित्व और सशक्तिकरण के युग की शुरुआत कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि हमने विधेयक पर सार्थक चर्चा की है, भविष्य में इस चर्चा का एक-एक शब्द काम आने वाला है। हर शब्द का अपना मूल्य है, महत्व है। 

प्रधानमंत्री ने कहा कि यह महज एक कानून नहीं है। यह उन अनगिनत महिलाओं को श्रद्धांजलि है जिन्होंने हमारे देश को बनाया है। भारत उनके लचीलेपन और योगदान से समृद्ध हुआ है। जैसा कि हम आज मनाते हैं, हमें अपने देश की सभी महिलाओं की ताकत, साहस और अदम्य भावना की याद आती है। 

उन्होंने कहा कि यह ऐतिहासिक कदम यह सुनिश्चित करने की प्रतिबद्धता है कि उनकी आवाज़ और भी अधिक प्रभावी ढंग से सुनी जाए। 

देश से और खबरें

खड़गे ने उठाया ओबीसी महिलाओं का सवाल

इस विधेयक पर हुई चर्चा में भाग लेते हुए कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि  मैं इस विधेयक का विरोध नहीं कर रहा हूं, लेकिन मैं पूछ रहा हूं कि आप इसमें पिछड़े वर्ग की महिलाओं को शामिल क्यों नहीं कर रहे हैं? उन्होंने सवाल उठाया कि क्या आप चाहते हैं कि वे पीछे रह जाएं? खड़गे ने कहा कि इस 'देश की 60 प्रतिशत से अधिक आबादी ओबीसी की है। 
उन्होंने कहा कि जब यह सरकार तुरंत लागू करने के लिए अन्य कानून बना सकती है, तो क्या वह राजनीतिक सहमति होने के बावजूद यह विधेयक नहीं ला सकती थी? वह मौजूदा आंकड़ों के आधार पर महिला आरक्षण क्यों लागू नहीं किया जा सकता? डेटा अपडेट होने के बाद संख्या बढ़ाई जा सकती है। 
मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि मैं इस विधेयक के समर्थन में हूं। मेरी एक आपत्ति है, इस विधेयक के खंड 5 में कहा गया है कि विधेयक तभी लागू होगा जब परिसीमन की प्रक्रिया पूरी हो जाएगी। और जनगणना के बाद परिसीमन की कवायद की जाएगी। यानी दो शर्तें रखी गई हैं पहली जनगणना और दूसरी परिसीमन। 

लोकसभा से बुधवार को पास हुआ है यह विधेयक

लोकसभा और राज्य विधानसभाओं में महिलाओं को 33 प्रतिशत सीटें देने वाला महिला आरक्षण विधेयक लोकसभा ने बुधवार को पारित कर दिया था। 454 सांसदों ने बिल के पक्ष में वोट किया था,  जिसमें 2 सांसदों ने इसके खिलाफ वोट किया था। लोकसभा सांसदों ने एक विपक्षी सांसद की मांग पर विधेयक के खंडों पर भी मतदान किया।

केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने मंगलवार को लोकसभा में महिला आरक्षण से जुड़ा 128वां संविधान संशोधन 'नारी शक्ति वंदन विधेयक-2023' पेश किया था। बिल विशेष सत्र के चौथे दिन गुरुवार को राज्यसभा में पेश किया जाएगा। हालांकि, यह आरक्षण जनगणना और परिसीमन के बाद ही लागू हो सकता है। इसका मतलब है कि विधेयक कई साल बाद ही लागू हो पाएगा। 
संविधान (एक सौ अट्ठाईसवां संशोधन) विधेयक, 2023 पर बहस का सरकार की ओर से अमित शाह ने जवाब दिया। उन्होंने कहा कि चुनाव के ठीक बाद महिला आरक्षण विधेयक को लागू करने के लिए जनगणना कराई जाएगी।विधेयक पास होने से पहले अमित शाह ने लोकसभा सदस्यों से पूछा, 'अगर आप महिला कोटा का समर्थन नहीं करते हैं तो क्या ओबीसी, मुस्लिम आरक्षण जल्दी होगा?'अमित शाह का यह बयान तब आया जब महिला आरक्षण विधेयक पर लोकसभा में चल रही बहस के बीच विपक्षी दल कोटा के भीतर कोटा की अपनी मांग पर अड़े रहे। 
सोनिया गांधी ने बुधवार को विधेयक का समर्थन करते हुए कहा था कि 'अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और ओबीसी की महिलाओं के लिए आरक्षण सुनिश्चित करने के लिए जाति जनगणना होनी चाहिए'। बुधवार को सोनिया ने विधेयक का समर्थन करते हुए कहा था कि 'ये बिल राजीव गांधी का सपना है।  इस बिल के पास होने से हमें खुशी होगी। यह मेरी जिंदगी का मार्मिक क्षण है।' उन्होंने कहा कि 'भारतीय महिला में समुद्र की तरह धैर्य है। उन्होंने नदी की तरह सभी की भलाई के लिए काम किया है। महिलाओं के धैर्य की सीमा का अनुमान लगाना कठिन है, वे कभी आराम करने के बारे में नहीं सोचती हैं।  

देश की आजादी की लड़ाई महिलाओं ने भी लड़ी थी 

राहुल गांधी ने लोकसभा में इस विधेयक पर चर्चा करते हुए बुधवार को कहा था कि देश की आजादी की लड़ाई महिलाओं ने भी लड़ी थी। महिला आरक्षण बिल अच्छी पहल है लेकिन इसे लागू करने में बिल्कुल भी देरी नहीं करना चाहिए और इसे आज से ही लागू कर देना चाहिए।  उन्होंने कहा कि भारत की महिलाओं को सत्ता हस्तांतरित करने की दिशा में सबसे बड़ा कदम था पंचायती राज, जहां उन्हें आरक्षण दिया गया और बड़े पैमाने पर राजनीतिक व्यवस्था में प्रवेश करने की अनुमति दी गई। हर कोई इस बात का समर्थन करेगा कि यह हमारे देश की महिलाओं के लिए बहुत बड़ा कदम है।
सत्य हिन्दी ऐप डाउनलोड करें

गोदी मीडिया और विशाल कारपोरेट मीडिया के मुक़ाबले स्वतंत्र पत्रकारिता का साथ दीजिए और उसकी ताक़त बनिए। 'सत्य हिन्दी' की सदस्यता योजना में आपका आर्थिक योगदान ऐसे नाज़ुक समय में स्वतंत्र पत्रकारिता को बहुत मज़बूती देगा। याद रखिए, लोकतंत्र तभी बचेगा, जब सच बचेगा।

नीचे दी गयी विभिन्न सदस्यता योजनाओं में से अपना चुनाव कीजिए। सभी प्रकार की सदस्यता की अवधि एक वर्ष है। सदस्यता का चुनाव करने से पहले कृपया नीचे दिये गये सदस्यता योजना के विवरण और Membership Rules & NormsCancellation & Refund Policy को ध्यान से पढ़ें। आपका भुगतान प्राप्त होने की GST Invoice और सदस्यता-पत्र हम आपको ईमेल से ही भेजेंगे। कृपया अपना नाम व ईमेल सही तरीक़े से लिखें।
सत्य अनुयायी के रूप में आप पाएंगे:
  1. सदस्यता-पत्र
  2. विशेष न्यूज़लेटर: 'सत्य हिन्दी' की चुनिंदा विशेष कवरेज की जानकारी आपको पहले से मिल जायगी। आपकी ईमेल पर समय-समय पर आपको हमारा विशेष न्यूज़लेटर भेजा जायगा, जिसमें 'सत्य हिन्दी' की विशेष कवरेज की जानकारी आपको दी जायेगी, ताकि हमारी कोई ख़ास पेशकश आपसे छूट न जाय।
  3. 'सत्य हिन्दी' के 3 webinars में भाग लेने का मुफ़्त निमंत्रण। सदस्यता तिथि से 90 दिनों के भीतर आप अपनी पसन्द के किसी 3 webinar में भाग लेने के लिए प्राथमिकता से अपना स्थान आरक्षित करा सकेंगे। 'सत्य हिन्दी' सदस्यों को आवंटन के बाद रिक्त बच गये स्थानों के लिए सामान्य पंजीकरण खोला जायगा। *कृपया ध्यान रखें कि वेबिनार के स्थान सीमित हैं और पंजीकरण के बाद यदि किसी कारण से आप वेबिनार में भाग नहीं ले पाये, तो हम उसके एवज़ में आपको अतिरिक्त अवसर नहीं दे पायेंगे।
क़मर वहीद नक़वी
सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें

अपनी राय बतायें

देश से और खबरें

ताज़ा ख़बरें

सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें