एक दौर में भारत की महारत्न कंपनी रह चुकी भारत संचार निगम लिमिटेड (बीएसएनएल) बीमार है। इसी से अलग हुई महानगर टेलीफ़ोन निगम लिमिटेड (एमटीएनएल) भी बीमार है। सरकार पर निर्भर ग़रीब आदमी से लेकर कंपनियाँ तक मृत्यु शैया पर पड़ी हैं। इन सरकारी कंपनियों के पास बड़ी मात्रा में ज़मीन है और अब यह कहा जाने लगा है कि ज़मीन बेचे बग़ैर इन कंपनियों का उद्धार नहीं होने वाला है।
बीएसएनएल व एमटीएनएल को लेकर गंभीर है सरकार: रविशंकर प्रसाद
- अर्थतंत्र
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- 27 Jun, 2019

एमटीएनएल में 22,000 और बीएसएनएल में 1,76,000 कर्मचारी हैं, जिनकी नौकरियाँ दाँव पर हैं। दोनों ही कंपनियों की हालत ख़राब है।