दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को गिरफ़्तार करने वाले ईडी के अधिकारी कपिल राज स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति लेकर रिलायंस इंडस्ट्रीज़ से जुड़ गए हैं। एक न्यूज़ वेबसाइट 'बिजनेस वर्ल्ड' ने सूत्रों के हवाले से यह ख़बर दी है। भारतीय राजस्व सेवा के 2009 बैच के अधिकारी और प्रवर्तन निदेशालय के पूर्व संयुक्त निदेशक कपिल राज ने 16 साल की सरकारी सेवा के बाद 17 जुलाई 2025 को निजी कारणों का हवाला देते हुए इस्तीफा दे दिया था। उनके इस कदम ने न केवल सरकारी क्षेत्र से कॉर्पोरेट जगत में उनके बदलाव को लेकर चर्चा छेड़ दी है, बल्कि उनके द्वारा संभाले गए हाई-प्रोफाइल मामलों के कारण भी यह सुर्खियों में है।

कपिल राज ने प्रवर्तन निदेशालय में लगभग आठ साल तक अपनी सेवाएँ दीं और इस दौरान कई बड़े आर्थिक अपराधों की जांच का नेतृत्व किया। उत्तर प्रदेश के सहारनपुर जिले के रहने वाले और इलेक्ट्रॉनिक्स में बी.टेक डिग्री धारक राज दो मौजूदा मुख्यमंत्रियों को गिरफ़्तार करने के लिए सुर्खियों में रहे। सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने ईडी से पूछा था कि चुनाव से ऐन पहले ही केजरीवाल की गिरफ़्तारी क्यों? कुछ ऐसे ही सवाल हेमंत सोरेन के मामले में भी ईडी से पूछे गए थे। बाद में दोनों नेताओं को जमानत मिल गई थी। इन कार्रवाइयों को लेकर ईडी पर सवाल उठते रहे थे। 

हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी

जनवरी 2024 में कपिल राज ने रांची में एक कथित भूमि घोटाले के मामले में हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी की निगरानी की। सोरेन ने राजभवन में राज्यपाल को अपना इस्तीफा सौंपा था, जिसके तुरंत बाद राज और उनकी टीम ने उन्हें हिरासत में ले लिया था। इस मामले में धन शोधन निवारण अधिनियम यानी PMLA के तहत कार्रवाई की गई थी।

अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी

मार्च 2024 में दिल्ली शराब नीति मामले में ईडी की तलाशी के बाद कपिल राज दिल्ली के तत्कालीन मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के फ्लैग स्टाफ़ रोड स्थित सरकारी बंगले पर मौजूद थे। 21 मार्च को केजरीवाल की गिरफ्तारी हुई और राज ने गिरफ्तारी मेमो तैयार करने और इसे आप सुप्रीमो को सौंपने की प्रक्रिया में अहम भूमिका निभाई।

नीरव मोदी केस की भी जाँच की थी

इसके अलावा मुंबई में डिप्टी डायरेक्टर के रूप में अपनी तैनाती के दौरान राज ने हीरा व्यापारी नीरव मोदी और मेहुल चोकसी, डीएचएफ़एल, और इकबाल मिर्ची से जुड़े धन शोधन मामलों की जांच की। 'बिजनेस वर्ल्ड' की रिपोर्ट के अनुसार वह व्यक्तिगत रूप से छापेमारी वाली जगहों पर जाकर जांच की निगरानी करते थे और अपनी टीम का उत्साह बढ़ाने के लिए जाने जाते थे। 

कपिल राज ने हाई-प्रोफाइल राजनीतिक हस्तियों की पूछताछ वाले सवालों को तैयार करने और जांचने में भी सक्रिय भूमिका निभाई।

राज की स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति

कपिल राज ने 17 जुलाई 2025 को वित्त मंत्रालय द्वारा जारी एक आदेश के तहत भारतीय राजस्व सेवा (कस्टम्स और अप्रत्यक्ष कर) से इस्तीफा दे दिया था। रिपोर्ट के अनुसार वित्त मंत्रालय के आदेश में कहा गया, 'भारत के राष्ट्रपति ने 17 जुलाई से उनकी इस्तीफे की स्वीकृति दी।' 60 वर्ष की सेवानिवृत्ति आयु को देखते हुए उनके पास अभी लगभग 15 वर्ष की सर्विस बाक़ी थी। इस्तीफे के लिए उन्होंने निजी कारणों का हवाला दिया। इस्तीफे के समय वह दिल्ली में जीएसटी इंटेलिजेंस विंग में अतिरिक्त आयुक्त के रूप में तैनात थे।

'बिजनेस वर्ल्ड' ने सूत्रों के हवाले से रिपोर्ट दी है कि इस्तीफे के कुछ ही समय बाद कपिल राज ने मुकेश अंबानी के नेतृत्व वाली रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड में शामिल होने का फैसला किया। हालांकि, उनकी सटीक भूमिका का खुलासा नहीं किया गया है, लेकिन माना जा रहा है कि उनकी वित्तीय जांच में विशेषज्ञता को देखते हुए यह नियुक्ति रिलायंस के लिए रणनीतिक रूप से अहम होगी। रिलायंस इंडस्ट्रीज ऊर्जा, पेट्रोकेमिकल्स, रिटेल, टेलीकॉम, और अन्य क्षेत्रों में कार्यरत है।

उनकी नियुक्ति पर विवाद

कपिल राज का सरकारी सेवा से कॉर्पोरेट जगत में जाना और विशेष रूप से रिलायंस इंडस्ट्रीज में उनकी नियुक्ति ने एक अलग तरह की बहस को छेड़ दिया है। कुछ लोग इसे सार्वजनिक क्षेत्र की विशेषज्ञता और कॉर्पोरेट महत्वाकांक्षाओं के बीच बढ़ते तालमेल के रूप में देख रहे हैं। हालाँकि, विपक्षी दलों और सोशल मीडिया पर कुछ यूजरों ने इस कदम पर सवाल उठाए हैं और इसे संस्थानों के दुरुपयोग और राजनीतिक पक्षपात से जोड़कर देखा जा रहा है। खासकर दो विपक्षी मुख्यमंत्रियों की गिरफ्तारी में उनकी अहम भूमिका को लेकर सवाल उठाए जा रहे हैं।