वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने भारतीय स्टेट बैंक के प्रमुख रजनीश कुमार को फटकार लगाते हुए इस सरकारी बैंक को 'हृदयहीन' और 'अक्षम' बताया है।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने भारतीय स्टेट बैंक के प्रमुख रजनीश कुमार को फटकार लगाते हुए इस सरकारी बैंक को 'हृदयहीन' और 'अक्षम' बताया है।
क्या है मामला?
वित्त मंत्रालय के तहत काम करने वाले राज्य स्तरीय बैंकर कमेटी की असम की राजधानी गुवाहाटी में हुई बैठक में चाय बागान के कर्मचारियों के बैंक खातों के चालू नहीं होने का मुद्दा उठा। चाय बागान के कर्मचारियों का खाता स्टेट बैंक ने खोला है, पर वे खाते अभी शुरू नहीं हुए हैं। स्टेट बैंक के एक आला अफ़सर ने सफ़ाई देते हुए कहा कि इसके लिए रिज़र्व बैंक की मंजूरी ज़रूरी है, इसमें हफ़्ते भर का समय लग जाएगा। वित्त मंत्री ने इस पर कहा : 'ऐसे मत कीजिए कि मेरा धैर्य ख़त्म हो जाए। एसबीआई चेअरमैन, इस मुद्दे पर आप दिल्ली में मुझसे मिलें, मैं इस मुद्दे को नहीं छोड़ूंगी। यह काम नहीं करने वाली बात है।
वित्त मंत्री यहीं नहीं रुकी। उन्होंने एसबीआई अध्यक्ष को इसके लिए फटकार लगाई । उन्होंने कहा :
'मैं इसके लिए पूरी तरह से आपको ज़िम्मेदार मानती हूं और मैं इस पर आपसे विस्तार में बात करूंगी। आपको इन खातों को चालू करना चाहिए और इस वजह से चाय बागान के एक भी मजदूर को तक़लीफ़ नहीं होनी चाहिए।'
इस बैठक में असम के वित्त मंत्री हिमंत बिस्व सर्मा और राज्य व केंद्र के कई वरिष्ठ अफ़सर मौजूद थे।
ऑल इंडिया बैंक ऑफ़िसर्स कॉनफ़ेडरेशन ने इस मुद्दे पर गंभीर टिप्पणी करते हुए इसे एसबीआई प्रमुख रजनीश कुमार पर 'सीधा और अस्वीकार्य हमला' बताया। लेकिन बाद में संगठन ने यह बयान वापस ले लिया।
स्टेट बैंक भारत सरकार का बैंक है। इस बैंक की 61.23 प्रतिशत हिस्सेदारी सीधे केंद्र सरकार के पास है। बाकी शेयर भी सरकार की वित्तीय व बीमा कंपनियों के ही पास है। इस तरह बैंक पर पूरा मालिकाना हक़ सरकार का है। ऐसे में इस तरह की आलोचना बेहद अहम है।