`कसम धंधे की मैं झूठ नहीं बोलता’। पुरानी हिंदी फ़िल्मों में सुनाई देनेवाला यह डायलॉग पूरी तरह सच है। धंधे से जुड़ा कोई भी आदमी कम से कम अर्थव्यवस्था के बारे में झूठ नहीं बोलता है। इसलिए अगर आपको देश की इकॉनमी का हाल जानना हो तो उद्योग जगत और शेयर मार्केट को सुनिये।
जीडीपी विकास दर 7.2 है तो कंपनियों की बिक्री कम क्यों हो रही?
- अर्थतंत्र
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- 24 Dec, 2024

देश की सबसे बड़ी पेंट कंपनी और शेयर बाजार का सुरक्षित निवेश मानी जानेवाली एशियन पेंट्स ने अपनी बिक्री में दस प्रतिशत से ज्यादा गिरावट दर्ज की है। बाक़ी कंपनियों की भी क़रीब-क़रीब ऐसी ही हालत है।
लोकसभा चुनाव के दौरान `अबकी बार चार सौ पार’ का जो संकीर्तन चल रहा था, उसमें उद्योग जगत सबसे आगे था। लेकिन इस कीर्तन के साथ एक मिमियाती हुई आवाज भी आ रही थी ‘महँगाई की वजह से बाजारों में बहुत सुस्ती है। बिक्री नहीं हो रही है, सरकार ध्यान दे तो अच्छा होगा।‘
राकेश कायस्थ युवा व्यंग्यकार हैं। उनका व्यंग्य संग्रह 'कोस-कोस शब्दकोश' बहुत चर्चित रहा। वह 'प्रजातंत्र के पकौड़े' नाम से एक व्यंग्य उपन्यास भी लिख चुके हैं।