पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सरकार और नीति निर्माताओं को निशाना साधते हुए कहा है कि भारतीय अर्थव्यवस्था ध्वस्त होने की ओर अग्रसर है और इसकी देखरेख वे कर रहे हैं जो 'अक्षम डॉक्टर' हैं। चिदंबरम ने अर्थव्यवस्था की इतनी ख़राब हालत होने के कई कारण भी बताए हैं और इसके लिए मोदी सरकार को ज़िम्मेदार ठहराया है।
अर्थव्यवस्था ध्वस्त होने को है, 'अक्षम डॉक्टर’ लगे हैं इलाज में: चिदंबरम
- अर्थतंत्र
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- 10 Feb, 2020
पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सरकार और नीति निर्माताओं को निशाना साधते हुए कहा है कि भारतीय अर्थव्यवस्था ध्वस्त होने की ओर अग्रसर है और इसकी देखरेख वे कर रहे हैं जो 'अक्षम डॉक्टर' हैं।

सरकार के तमाम दावों के बावजूद देश की आर्थिक स्थिति बद से बदतर होती जा रही है। तो अब आने वाले समय में क्या होगा? क्या इसकी स्थिति में सुधार होगी? इसकी भी उम्मीद सकारात्मक नहीं दिखती क्योंकि अर्थव्यवस्था के किसी भी मोर्चे पर कोई ख़ास सुधार होता नहीं दिख रहा है। इसका सबसे बड़ा प्रमाण तो यही है कि दूसरी छमाही में सकल घरेलू उत्पाद यानी जीडीपी वृद्धि की दर 4.5 प्रतिशत दर्ज की गई। ऐसा तब है जब आरबीआई ने 2019-20 के लिए जीडीपी विकास दर 6.1 का अनुमान लगाया था। अब इसी आरबीआई ने दूसरी छमाही की रिपोर्ट आने के बाद जीडीपी विकास दर का अनुमान 6.1 प्रतिशत से कम कर 5 प्रतिशत कर दिया है। इसका मतलब साफ़ है कि स्थिति के अभी सुधरने की गुँज़ाइश नहीं है, बल्कि ख़राब ही होगी।