loader

कोरोना से निपटने के लिए आरबीआई की राहत, कम ब्याज पर अधिक पैसे

कोरोना वायरस संकट से जूझ रही अर्थव्यवस्था के लिए राहत की खबर है। कारोबार में लगे लोगों, उद्योग-धंधों, कॉरपोरेट जगत और आम जनता को अब पहले से अधिक पैसे कम ब्याज दरों पर मिल सकते हैं। 
देश से और खबरें
भारतीय रिज़र्व बैंक ने एक अहम फ़ैसला करते हुए कैश-रिज़र्व रेशियों में कटौती का एलान किया है, यानी बैकों के पास जो पैसा है, अब वे उसका बड़ा हिस्सा नकद में रख सकते हैं। 
रिज़र्व बैंक के फ़ैसले का मतलब यह है कि बैंक अब पहले से अधिक पैसे बतौर क़र्ज़ दे सकते हैं। इसका नतीजा यह होगा कि कारोबारियों को बैंकों से क़र्ज़ लेने में सुविधा होगी।

सस्ते में मिल सकता है क़र्ज़

इसी तरह रिज़र्व बैंक ने उस ब्याज दर में कटौती की है, जिस पर यह बैंकों को पैसे देता है, बैंक वह पैसा उद्योग जगत या आपको क़र्ज़ देते हैं। यानी बैंकों को कम दर पर पैसे मिलेंगे। इसका नतीजा यह हो सकता है कि बैंक ख़ुद देने वाले क़र्ज़ में कटौती कर दें। यह फ़ैसला लेने के लिए वे स्वतंत्र हैं। पर समझा जाता है कि कोरोना संकट के मद्देनज़र तमाम बैंक अपनी ब्याद दरों में कटौती करेंगे। 

कोरोना वायरस के कारण पैदा हुए आर्थिक संकट को लेकर रिजर्व बैंक ऑफ़ इंडिया के गवर्नर शक्तिकांत दास ने शुक्रवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस की है। दास ने कहा कि रेपो रेट में .75 बेसिस अंकों की और रिवर्स रेपो रेट में 90 बेसिस अंकों की कटौती की गई है। पहले रेपो रेट 5.15 फ़ीसदी थी और अब यह 4.45 फ़ीसदी हो गयी है। 

दास ने कहा कि आरबीआई के इन फ़ैसलों से कोरोना के कारण पैदा हुए आर्थिक संकट से लड़ने में मदद लगेगी। उन्होंने कहा कि हम सभी को कोरोना वायरस को फैलने से रोकने में अपना योगदान देना होगा।

आसानी से मिल सकता है क़र्ज़

इसके अलावा कैश रिजर्व रेशियो (सीआरआर) में 100 बेसिस अंकों की कटौती की गई है। दास ने कहा कि यह दुनिया भर के लिये मुश्किल वक्त है और कोरोना संकट की वजह से देश के कई क्षेत्रों में असर पड़ा है। उन्होंने कहा कि कोरोना के कारण पैदा हुए आर्थिक संकट पर आरबीआई की पैनी नजर है और इस संकट को कम करने के लिये जो भी क़दम उठाने ज़रूरी होंगे, वे उठाये जायेंगे। 
ताज़ा ख़बरें
दास ने कहा कि इस फ़ैसले से 3.74 लाख करोड़ रुपये की नकदी व्यवस्था में आएगी। आरबीआई गवर्नर ने कहा कि लोग डिजिटल पेमेंट को अपनाएं। उन्होंने कहा है कि भारतीय बैंकिंग सिस्टम पूरी तरह सुरक्षित है और इस बारे में किसी को भी चिंता करने की ज़रूरत नहीं है। रिजर्व बैंक की ओर से कहा गया है कि सभी कमर्शल बैंकों को ब्याज और कर्ज अदा करने में 3 महीने की छूट दी जा रही है।
देश से और ख़बरें
कोरोना वायरस से अर्थव्यवस्था को पड़ रही चोट को देखते हुए मोदी सरकार ने गुरुवार को 1 लाख 70 हज़ार करोड़ के आर्थिक पैकेज का एलान किया था। सरकार ने स्वास्थ्य कर्मचारियों के लिये 50 लाख रुपये के बीमा का एलान करने के साथ ही कई अहम घोषणाएं की थीं। इसके अलावा प्रधानमंत्री ग़रीब अन्न कल्याण योजना के तहत अगले तीन महीने तक ग़रीबों को 5 किग्रा मुफ्त चावल या आटा, बुजुर्गों, दिव्यांगों को अगले तीन महीने में 1 हजार रुपये अतिरिक्त दिये जाने, मनरेगा मजदूरों की दिहाड़ी 182 रुपये से बढ़ाकर 202 रुपये करने का भी एलान किया गया था। 
सत्य हिन्दी ऐप डाउनलोड करें

गोदी मीडिया और विशाल कारपोरेट मीडिया के मुक़ाबले स्वतंत्र पत्रकारिता का साथ दीजिए और उसकी ताक़त बनिए। 'सत्य हिन्दी' की सदस्यता योजना में आपका आर्थिक योगदान ऐसे नाज़ुक समय में स्वतंत्र पत्रकारिता को बहुत मज़बूती देगा। याद रखिए, लोकतंत्र तभी बचेगा, जब सच बचेगा।

नीचे दी गयी विभिन्न सदस्यता योजनाओं में से अपना चुनाव कीजिए। सभी प्रकार की सदस्यता की अवधि एक वर्ष है। सदस्यता का चुनाव करने से पहले कृपया नीचे दिये गये सदस्यता योजना के विवरण और Membership Rules & NormsCancellation & Refund Policy को ध्यान से पढ़ें। आपका भुगतान प्राप्त होने की GST Invoice और सदस्यता-पत्र हम आपको ईमेल से ही भेजेंगे। कृपया अपना नाम व ईमेल सही तरीक़े से लिखें।
सत्य अनुयायी के रूप में आप पाएंगे:
  1. सदस्यता-पत्र
  2. विशेष न्यूज़लेटर: 'सत्य हिन्दी' की चुनिंदा विशेष कवरेज की जानकारी आपको पहले से मिल जायगी। आपकी ईमेल पर समय-समय पर आपको हमारा विशेष न्यूज़लेटर भेजा जायगा, जिसमें 'सत्य हिन्दी' की विशेष कवरेज की जानकारी आपको दी जायेगी, ताकि हमारी कोई ख़ास पेशकश आपसे छूट न जाय।
  3. 'सत्य हिन्दी' के 3 webinars में भाग लेने का मुफ़्त निमंत्रण। सदस्यता तिथि से 90 दिनों के भीतर आप अपनी पसन्द के किसी 3 webinar में भाग लेने के लिए प्राथमिकता से अपना स्थान आरक्षित करा सकेंगे। 'सत्य हिन्दी' सदस्यों को आवंटन के बाद रिक्त बच गये स्थानों के लिए सामान्य पंजीकरण खोला जायगा। *कृपया ध्यान रखें कि वेबिनार के स्थान सीमित हैं और पंजीकरण के बाद यदि किसी कारण से आप वेबिनार में भाग नहीं ले पाये, तो हम उसके एवज़ में आपको अतिरिक्त अवसर नहीं दे पायेंगे।
क़मर वहीद नक़वी
सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें

अपनी राय बतायें

अर्थतंत्र से और खबरें

ताज़ा ख़बरें

सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें