Red fort Blast latest: एनआईए ने दिल्ली लाल किला विस्फोट के मुख्य सह-साजिशकर्ता जसीर बिलाल वानी उर्फ दानिश को गिरफ्तार किया है। वानी पर आरोप है कि उसने डॉ. उमर उन नबी के ज़रिए आत्मघाती हमले की तैयारी की थी और तकनीकी मदद भी मुहैया कराई थी।
डॉ उमर नबी के साथी को एनआईए ने गिरफ्तार किया
राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने दिल्ली के लाल किले के पास हुए कार बम विस्फोट मामले में एक और प्रमुख साजिशकर्ता जसीर बिलाल वानी उर्फ दानिश को श्रीनगर से गिरफ्तार किया है। यह हमला, जिसमें कम से कम 14 लोगों की मौत हो गई थी। इसे एक कार के जरिए तात्कालिक विस्फोटक उपकरण (Vehicle-Borne Improvised Explosive Device=VBIED) का इस्तेमाल करके किया गया था।
जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग जिले के काजीगुंड का रहने वाला आरोपी दानिश, इस आतंकवादी हमले की योजना बनाने में मुख्य आतंकवादी डॉ. उमर उन नबी के साथ सक्रिय रूप से शामिल था। डॉ. उमर उन नबी फरीदाबाद के अल फलाह विश्वविद्यालय में सहायक प्रोफेसर था, जिसकी पहचान फोरेंसिक जांच में विस्फोट में मारे गए आत्मघाती हमलावर के रूप में हुई है।
आत्मघाती हमले की तैयारी का निर्देश
जांच से जुड़े सूत्रों के मुताबिक, दानिश न केवल बम विस्फोट की साजिश में उमर के साथ शामिल था, बल्कि उसे उमर ने फिदायीन (आत्मघाती) हमला करने के लिए भी तैयार रहने का निर्देश दिया था।
पता चला है कि दोनों की मुलाकात कश्मीर की एक मस्जिद में हुई थी, जहां डॉ. उमर ने कथित तौर पर दानिश का ब्रेनवॉश किया और उसे आत्मघाती हमले के लिए तैयार होने का निर्देश दिया। NIA की प्रारंभिक जांच में यह भी सामने आया है कि जसीर ने लाल किले के पास घातक कार बम विस्फोट से पहले ड्रोन को मोडीफाई (बदलाव) करके और रॉकेट बनाने का प्रयास करके आतंकवादी हमलों के लिए तकनीकी सहायता प्रदान की थी।
जांच और गिरफ्तारियों का दायरा बढ़ा
यह इस मामले में दूसरी प्रमुख गिरफ्तारी है। इससे पहले, NIA ने रविवार को आमिर राशिद अली को गिरफ्तार किया था, जिसने कथित तौर पर आत्मघाती हमलावर उमर उन नबी को वह Hyundai i20 कार उपलब्ध कराई थी जिसका इस्तेमाल VBIED के रूप में किया गया था।
जासिर को जम्मू-कश्मीर पुलिस ने तीन दिन पहले हिरासत में लिया था। दुखद बात यह है कि रविवार को उसके पिता, जो एक ड्राई-फ्रूट विक्रेता थे, ने खुद पर केरोसिन डालकर आग लगाकर आत्महत्या कर ली थी।
NIA ने अब तक विस्फोट में घायल हुए कई पीड़ितों सहित 73 गवाहों से पूछताछ की है। यह एजेंसी दिल्ली पुलिस, जम्मू-कश्मीर पुलिस, हरियाणा पुलिस, उत्तर प्रदेश पुलिस और अन्य केंद्रीय इकाइयों के साथ समन्वय स्थापित करते हुए कई राज्यों में सुरागों की तलाश कर रही है। अधिकारियों का मानना है कि यह साजिश दो पहचाने गए साजिशकर्ताओ से कहीं अधिक व्यापक है, और जांच आगे बढ़ने पर और गिरफ्तारियां होने की उम्मीद है।
NIA के अनुसार, उनकी प्राथमिकता अब इस हमले के पीछे के बड़े नेटवर्क का पर्दाफाश करना है, जिसमें योजना, रसद (लॉजिस्टिक्स) और वित्तपोषण (फंडिंग) में शामिल लोग शामिल हैं, ताकि लाल किले पर हुए इस जघन्य कृत्य के लिए जिम्मेदार समूह के हर सदस्य की पहचान की जा सके और उन्हें न्याय के कटघरे में लाया जा सके।