जिन कश्मीरियों की बेहतरी और ख़ुशियों के नाम पर अनुच्छेद 370 में फेरबदल किया गया वे ईद की ख़ुशियाँ मना भी पाएँगे या नहीं, इस पर अभी भी संदेह है। शुक्रवार की नमाज़ के लिए आवाजाही पर लगाई गई पाबंदियों में भले ही ढील दी गई हो, लेकिन ईद के दिन सुरक्षा में ढील दी जाएगी या नहीं, इस पर रविवार को फ़ैसला किया जाएगा। हालाँकि प्रधानमंत्री मोदी ने गुरुवार को कश्मीरियों को आश्वासन दिया है कि सरकार यह सुनिश्चित कर रही है कि उन्हें 12 अगस्त को ईद मनाने में किसी भी तरह की मुश्किलों का सामना न करना पड़े। यदि ढील दी भी जाएगी तो कितनी दी जाएगी, यह भी एक सवाल है। यानी कुल मिलाकर यदि कश्मीरी ईद मना भी पाएँ तो ख़ुशियाँ मनाने की छूट देने की भी एक ‘सीमा’ होगी।
जम्मू-कश्मीर में क्या बंदिशों में मनेंगी ईद की ख़ुशियाँ?
- जम्मू-कश्मीर
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- 9 Aug, 2019
जिन कश्मीरियों की बेहतरी और ख़ुशियों के नाम पर अनुच्छेद 370 में फेरबदल किया गया वे ईद की ख़ुशियाँ मना भी पाएँगे या नहीं, इस पर संदेह है। ईद के दिन सुरक्षा में ढील दी जाएगी या नहीं, इस पर रविवार को फ़ैसला लिया जाएगा।

त्योहार की तैयारियाँ पहले ही शुरू हो जाती हैं और यह भी एक तरह से त्योहार की ख़ुशियों का हिस्सा ही होती हैं, लेकिन जम्मू-कश्मीर में जो स्थिति है वह सामान्य तो नहीं ही कही जा सकती है। जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा कड़ी करने के 5 दिन बाद भी अधिकतर हिस्सों में फ़ोन और इंटरनेट सेवाएँ बंद हैं। हालाँकि शुक्रवार सुबह इसे आंशिक रूप से बहाल किया गया है। पब्लिक ट्रांसपोर्ट सिस्टम की भी यही स्थिति है।