एक महीने से ज्यादा का समय बीत चुका है, लेकिन नियंत्रण रेखा पर गोलाबारी से प्रभावित इलाक़ों में तबाही के निशान अभी भी साफ़ दिखाई दे रहे हैं। पीड़ितों के चेहरों पर अभी भी डर और दहशत के साये दिखाई दे रहे हैं।