loader

'द कश्मीर फाइल्स' का जवाब 'द अनटोल्ड कश्मीर फाइल्स' से?

'द कश्मीर फाइल्स' फिल्म के बाद अब 'द अनटोल्ड कश्मीर फाइल्स' आई है। इस नयी फ़िल्म के शीर्षक का अर्थ निकलता है कि वह कहानी जो पहले नहीं कही गई। तो क्या 'द कश्मीर फाइल्स' और 'द अनटोल्ड कश्मीर फाइल्स' में इतना ही अंतर है?

सोशल मीडिया पर साझा किए गए विचारों में दोनों फ़िल्मों के बीच ज़मीन आसमान का अंतर बताया जा रहा है। दोनों फ़िल्मों में यह अंतर वैचारिक स्तर पर सबसे ज़्यादा मालूम होता है। क़रीब सवा दो घंटे की फ़िल्म 'द कश्मीर फाइल्स' को विवेक अग्निहोत्री ने बनाया है तो सिर्फ़ 57 सेकंड की फ़िल्म 'द अनटोल्ड कश्मीर फाइल्स' को जम्मू कश्मीर पुलिस ने।

जम्मू और कश्मीर पुलिस द्वारा पोस्ट किए गए वीडियो में साफ़ तौर पर जोर देकर कहा गया है कि 'आतंकवादियों द्वारा निशाना बनाकर  कश्मीरियों को मारा गया', यानी सिर्फ़ किसी ख़ास तबक़े को ही नहीं।

वीडियो को 31 मार्च को जम्मू-कश्मीर पुलिस के आधिकारिक ट्विटर अकाउंट पर पोस्ट किया गया। इस वीडियो में 27 मार्च को घाटी में एक विशेष पुलिस अधिकारी और उसके जुड़वां भाई की संदिग्ध आतंकवादियों द्वारा हत्या का ज़िक्र किया गया है। शोक में डूबी उनके परिवार की महिलाओं को दिखाया गया है। 

तसवीरों के साथ लिखा आता है कि 'आतंकवादियों ने एसपीओ इशफाक अहमद के घर में घुसकर उनको और उनके भाई उमर जान को मार डाला। शोक मनाने वालों की तसवीरों पर ही लिखा आता है कि 'ये हत्याएँ शांति चाहने वाले कश्मीरियों की हत्याओं की शृंखला में हैं।'

ताज़ा ख़बरें

वीडियो में आगे लिखा है, 'कश्मीर ने इन टार्गेटेड हत्याओं में 20,000 लोगों को गँवाया है।' वीडियो में आगे कहा गया है, 'समय आ गया है कि हम आवाज़ उठाएँ।...हम चुप नहीं बैठेंगे।... माफ़ नहीं करेंगे।'

इस वीडियो के बैकग्राउंड में पाकिस्तानी कवि फ़ैज़ अहमद फ़ैज़ की 'हम देखेंगे...' नज़्म को आवाज़ में इस्तेमाल किया गया है। इसका इस्तेमाल 'द कश्मीर फाइल्स' में भी किया गया था।

वैसे, कहा तो यह जा रहा है कि इस फ़िल्म को जम्मू कश्मीर पुलिस ने 'द कश्मीर फाइल्स' के संदर्भ में तैयार किया है। सोशल मीडिया पर लोगों ने कुछ इसी तरह की प्रतिक्रिया व्यक्त की है। ट्विटर पर एक यूज़र ने लिखा है, 'विवेक अग्निहोत्री यह असली कश्मीर फाइल्स है। द अनटोल्ड कश्मीर फाइल्स।'

एक अन्य यूज़र ने वीडियो को साझा करते हुए फ़ैज़ अहमद फ़ैज की नज़्म को लिखा है।

प्रसिद्ध फ़िल्म समीक्षक अजय ब्रह्मात्मज ने भी द अनटोल्ड कश्मीर फाइल्स वीडियो को ट्वीट किया है।

बता दें कि विवेक अग्निहोत्री की फ़िल्म द कश्मीर फाइल्स पर काफ़ी विवाद हुआ है। बीजेपी और कई मंत्रियों ने इस फिल्म का काफ़ी प्रचार-प्रसार किया है और बीजेपी शासित कई राज्यों ने इस फ़िल्म को कर मुक्त भी किया है। वे दावा करते रहे हैं कि कश्मीरी पंडितों की हत्या, उनके पलायन पर ऐसी भावनात्मक फिल्म कभी नहीं बनी। जबकि विरोधी इस फ़िल्म में तथ्यों को तोड़ने-मरोड़ने के आरोप लगाते रहे हैं। वे आरोप लगाते रहे हैं कि कश्मीरी पंडितों के साथ हुए जुल्म पर राजनीतिक इस्तेमाल के लिए फ़िल्म बनायी गयी है। 

जम्मू-कश्मीर से और ख़बरें

ऐसे ही संदर्भ में अब 'द अनटोल्ड कश्मीर फाइल्स' को देखा जा रहा है। जम्मू-कश्मीर पुलिस के एक अधिकारी ने 'द इंडियन एक्सप्रेस' से कहा, 'द कश्मीर फाइल्स' कश्मीरी पंडितों की दुर्दशा पर केंद्रित है, लेकिन यहां कई लोगों को लगता है कि फिल्म घाटी में आतंकवाद के कारण कश्मीरी मुसलमानों की पीड़ा को पूरी तरह से नजरअंदाज करती है।' अधिकारी ने द अनटोल्ड कश्मीर फाइल्स को लेकर कहा, 'यह नागरिकों तक पहुँचने का एक प्रयास है कि हम उनके दर्द को समझते हैं और हम सभी आतंकवाद के ख़िलाफ़ इस लड़ाई में एक साथ हैं।'

रिपोर्ट के अनुसार एक अन्य अधिकारी ने 'द कश्मीर फाइल्स' को लेकर कहा, 'मुद्दा यह है कि फिल्म का इस्तेमाल एक ख़ास नैरेटिव को आगे बढ़ाने के लिए किया जा रहा है। लेकिन इससे यहाँ दिक्कत हो रही है। यहां हर कोई राष्ट्रीय टीवी चैनल देखता है… एफएटीएफ प्रतिबंधों के ख़तरे के कारण पाकिस्तान अपेक्षाकृत ख़राब हालत में है, यह (जम्मू कश्मीर में) घावों पर मरहम लगाने और शांति की शुरुआत करने का सही समय था।' 

सत्य हिन्दी ऐप डाउनलोड करें

गोदी मीडिया और विशाल कारपोरेट मीडिया के मुक़ाबले स्वतंत्र पत्रकारिता का साथ दीजिए और उसकी ताक़त बनिए। 'सत्य हिन्दी' की सदस्यता योजना में आपका आर्थिक योगदान ऐसे नाज़ुक समय में स्वतंत्र पत्रकारिता को बहुत मज़बूती देगा। याद रखिए, लोकतंत्र तभी बचेगा, जब सच बचेगा।

नीचे दी गयी विभिन्न सदस्यता योजनाओं में से अपना चुनाव कीजिए। सभी प्रकार की सदस्यता की अवधि एक वर्ष है। सदस्यता का चुनाव करने से पहले कृपया नीचे दिये गये सदस्यता योजना के विवरण और Membership Rules & NormsCancellation & Refund Policy को ध्यान से पढ़ें। आपका भुगतान प्राप्त होने की GST Invoice और सदस्यता-पत्र हम आपको ईमेल से ही भेजेंगे। कृपया अपना नाम व ईमेल सही तरीक़े से लिखें।
सत्य अनुयायी के रूप में आप पाएंगे:
  1. सदस्यता-पत्र
  2. विशेष न्यूज़लेटर: 'सत्य हिन्दी' की चुनिंदा विशेष कवरेज की जानकारी आपको पहले से मिल जायगी। आपकी ईमेल पर समय-समय पर आपको हमारा विशेष न्यूज़लेटर भेजा जायगा, जिसमें 'सत्य हिन्दी' की विशेष कवरेज की जानकारी आपको दी जायेगी, ताकि हमारी कोई ख़ास पेशकश आपसे छूट न जाय।
  3. 'सत्य हिन्दी' के 3 webinars में भाग लेने का मुफ़्त निमंत्रण। सदस्यता तिथि से 90 दिनों के भीतर आप अपनी पसन्द के किसी 3 webinar में भाग लेने के लिए प्राथमिकता से अपना स्थान आरक्षित करा सकेंगे। 'सत्य हिन्दी' सदस्यों को आवंटन के बाद रिक्त बच गये स्थानों के लिए सामान्य पंजीकरण खोला जायगा। *कृपया ध्यान रखें कि वेबिनार के स्थान सीमित हैं और पंजीकरण के बाद यदि किसी कारण से आप वेबिनार में भाग नहीं ले पाये, तो हम उसके एवज़ में आपको अतिरिक्त अवसर नहीं दे पायेंगे।
क़मर वहीद नक़वी
सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें

अपनी राय बतायें

जम्मू-कश्मीर से और खबरें

ताज़ा ख़बरें

सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें