क्या जम्मू-कश्मीर में असहमति की आवाज़ को कुचला जा रहा है? क्या सरकार और प्रशासन का विरोध करने वालों को निशाने पर लिया जा रहा है? ये सवाल इसलिए उठ रहे हैं कि राष्ट्रीय जाँच एजेन्सी (एनआईए) ने मानवाधिकार कार्यकर्ताओं, ग़ैरसरकारी संगठनों और अख़बार के दफ़्तर समेत 10 जगहों पर छापे मारे हैं।
क्या जम्मू-कश्मीर में असहमति की आवाज़ को कुचला जा रहा है? क्या सरकार और प्रशासन का विरोध करने वालों को निशाने पर लिया जा रहा है?
